कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति को 12 साल की नजरबंदी की सजा, रिश्वत देने का दोषी करार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-08-2025
Colombia's former president sentenced to 12 years of house arrest, found guilty of bribery
Colombia's former president sentenced to 12 years of house arrest, found guilty of bribery

 

बोगोटा

कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति अल्वारो उरीबे को एक गंभीर आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने के बाद 12 साल तक घर में नजरबंद रहने की सजा सुनाई गई है। कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, उरीबे पर आरोप था कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने और उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की, जिससे उनके ऊपर लगे अर्धसैनिक समूहों से संबंधों के आरोपों को खारिज कराया जा सके।

करीब छह महीने तक चली इस सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि उरीबे ने उन गवाहों को बहलाने की कोशिश की जिन्होंने 1990 के दशक में उनके ऊपर पैरामिलिट्री गिरोहों से संबंध रखने का आरोप लगाया था। अभियोजन पक्ष ने यह भी दावा किया कि उरीबे ने राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों के चलते गवाहों को चुप कराने के लिए धन और प्रभाव का इस्तेमाल किया।

हालांकि, उरीबे ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया और अदालत को बताया कि यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा, "मैंने कभी कोई गैरकानूनी कार्य नहीं किया। मुझे राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है।" उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

उरीबे के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें अपील की प्रक्रिया पूरी होने तक रिहा रखा जाए, लेकिन न्यायाधीश सैंड्रा हेरेडिया ने इस मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उरीबे के पास देश छोड़ने की संभावना अधिक है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

इस मामले में अदालत ने न केवल उरीबे को नजरबंदी की सजा सुनाई, बल्कि उन्हें आठ वर्षों तक किसी भी सार्वजनिक पद पर आसीन होने से भी प्रतिबंधित कर दिया। साथ ही, उनके ऊपर लगभग 7.76 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया है।

गौरतलब है कि अल्वारो उरीबे 2002 से 2010 तक कोलंबिया के राष्ट्रपति रहे थे और उन्हें अमेरिका का समर्थन प्राप्त था। उनके कार्यकाल को लेकर कोलंबिया में मिली-जुली राय रही है। एक ओर, उनके समर्थक मानते हैं कि उन्होंने देश को नक्सलवाद, हिंसा और अराजकता से बाहर निकाल कर स्थिरता की ओर ले जाया, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी उन्हें 90 के दशक के मानवाधिकार हनन, कथित हत्याओं और अर्धसैनिक समूहों के उदय का जिम्मेदार मानते हैं।

कोलंबिया की राजनीति में उरीबे की भूमिका हमेशा विवादों से घिरी रही है। जहां उनके समर्थक उन्हें एक राष्ट्रनायक के रूप में देखते हैं, वहीं आलोचकों की नजर में वे एक सत्तालोलुप नेता रहे हैं, जिन पर न्यायिक व्यवस्था को प्रभावित करने के कई आरोप लगते रहे हैं।

इस फैसले के बाद कोलंबिया में एक बार फिर लोकतंत्र, न्याय और सत्ता के संतुलन को लेकर बहस तेज हो गई है। उरीबे की पार्टी और उनके सहयोगियों ने अदालत के फैसले को "राजनीतिक षड्यंत्र" करार दिया है, जबकि मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे "न्यायिक जीत" बताया है।

आने वाले दिनों में उरीबे की अपील पर सुनवाई होगी, लेकिन फिलहाल उन्हें 12 साल की नजरबंदी, राजनीतिक प्रतिबंध, और आर्थिक दंड का सामना करना होगा। यह फैसला कोलंबिया की न्यायपालिका के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जहां देश के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक को कानून के दायरे में लाया गया है।