नई दिल्ली
दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में किए गए क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) पायलट प्रोजेक्ट के प्रारंभिक परिणाम सामने आए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मयूर विहार और बुराड़ी जैसे इलाकों में इस प्रयोग के बाद पीएम10 (Particulate Matter) के स्तर में अधिकतम 41.9 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। इसके साथ ही, शहर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
सरकारी बयान के मुताबिक, यह प्रयोग प्रदूषण नियंत्रण की व्यापक रणनीति का एक हिस्सा है, जिसमें सख्त प्रवर्तन, यांत्रिक सड़क सफाई, वाहन उत्सर्जन जांच और कचरा प्रबंधन जैसी कई पहलें एक साथ चलाई जा रही हैं। क्लाउड सीडिंग का उद्देश्य वातावरण में मौजूद प्रदूषक कणों को वर्षा के माध्यम से नीचे लाकर वायु को शुद्ध करना है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि “बादलों में नमी का स्तर कम होने के बावजूद, इस पायलट प्रोजेक्ट ने हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) में मापनीय गिरावट दिखाई है। यह दर्शाता है कि क्लाउड सीडिंग तकनीक प्रदूषण नियंत्रण में सहायक साबित हो सकती है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए केवल एक तकनीक पर निर्भर नहीं है। “हम प्रौद्योगिकी, प्रवर्तन और नागरिक सहभागिता — इन तीनों को मिलाकर स्थायी सुधार लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
वर्तमान में दिल्ली का औसत AQI 279 दर्ज किया गया है, जो “खराब” श्रेणी में आता है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि हालिया हस्तक्षेपों के बाद इसमें और सुधार की उम्मीद है।