नई दिल्ली
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने INTERPOL चैनलों के माध्यम से कार्रवाई करते हुए नकली भारतीय मुद्रा मामले के आरोपी मोइदीनबाबा उमर बेरी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारत लाने में सफलता प्राप्त की है। यह आरोपी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को वांछित था।
CBI की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (IPCU) ने अबू धाबी स्थित राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) के साथ समन्वय कर 20जून को रेड कॉर्नर नोटिस वाले आरोपी की भारत वापसी सुनिश्चित की। मोइदीनबाबा को दुबई से एयर इंडिया की फ्लाइट AI-920के ज़रिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक निर्वासित (Deportee) के रूप में लाया गया।
CBI ने आरोपी की लोकेशन UAE में पहचानने के लिए INTERPOL और NCB अबू धाबी के साथ लगातार संपर्क में रहकर निगरानी की थी।
यह मामला NIA कोच्चि ब्रांच में दर्ज है, जिसमें भारतीय मुद्रा की नक़ल, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जांच में सामने आया कि मोइदीन, जिसे मोइदीन के नाम से भी जाना जाता है, ने दुबई से उच्च गुणवत्ता वाली नकली भारतीय मुद्रा (FICN) प्राप्त की थी और उसे शारजाह के रास्ते बेंगलुरु भेजा था।
CBI ने 30दिसंबर 2013को INTERPOL के माध्यम से इस आरोपी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था, जो NIA के अनुरोध पर किया गया था। आरोपी को UAE में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) और विदेश मंत्रालय (MEA) के माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भी भेजा गया था।
INTERPOL द्वारा जारी रेड नोटिस दुनिया भर की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है ताकि वांछित भगोड़ों की पहचान और गिरफ्तारी की जा सके।
CBI, जो भारत में INTERPOL के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB-India) के रूप में कार्य करती है, देश की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ BHARATPOL प्रणाली के माध्यम से सहयोग करती है। पिछले कुछ वर्षों में INTERPOL चैनलों के माध्यम से 100से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।