BrahMos missile proved to be a 'game-changer' in Operation Sindoor: Defence Secretary Rajesh Kumar Singh
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा है कि भारत की सशस्त्र सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विदेशी और स्वदेशी हथियारों का प्रभावी संयोजन किया और इस अभियान में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ने गेम-चेंजर की भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि स्वदेशी हथियारों की सफलता से भारत की रक्षा क्षमताओं में आत्मविश्वास बढ़ा है.
एक विशेष साक्षात्कार में एएनआई से बातचीत करते हुए रक्षा सचिव ने कहा, "हमने विदेशी और स्वदेशी हथियारों का मिश्रण बहुत प्रभावी ढंग से उपयोग किया. स्वदेशी हथियारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और ब्रह्मोस तो शायद इस अभियान में गेम-चेंजर ही साबित हुई. उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विभिन्न प्रकार के हथियारों का अच्छा समन्वय देखने को मिला और तीनों सेनाओं ने संगठित और समन्वित तरीके से अभियान को अंजाम दिया "ब्रह्मोस के अलावा आकाश मिसाइल सिस्टम ने भी शानदार प्रदर्शन किया। साथ ही, हमने अपने कुछ पुराने वायु रक्षा सिस्टम को नए रडार और तकनीक से अपग्रेड किया, जिससे ड्रोन और निम्न ऊंचाई से आने वाले खतरों के खिलाफ बेहतर सुरक्षा मिली
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सशक्त प्रतिक्रिया
भारत ने 7 मई को आतंकवादी हमले में पाहलगाम में 26 लोगों की हत्या के जवाब में पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी वायु ठिकानों को भी जवाबी हमला कर क्षति पहुंचाई. रक्षा सचिव ने बताया कि सेना इस अभियान के लिए पूरी तरह तैयार थी. "सेनाओं को इस ऑपरेशन के लिए जिन सटीक स्टैंडऑफ हथियारों की जरूरत थी, वह उनके पास उपलब्ध थे और वे पूरी तरह आश्वस्त थे।"
रक्षा सचिव ने यह भी कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत का रक्षा आधुनिकीकरण बजट लगभग 7% की दर से बढ़ रहा है, लेकिन वित्तीय संसाधनों के पूर्ण उपयोग में चुनौतियां रही हैं. "इस वर्ष हमने संशोधित अनुमान (RE) का पूरा उपयोग किया और कुल मिलाकर 2 लाख करोड़ रुपये के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर किए, जो अब तक का रिकॉर्ड है. इससे पहले 2023-24 में यह आंकड़ा करीब 1 लाख करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि बजट की तुलना में ठेके के निष्पादन और खरीद प्रक्रिया में तेजी लाना ज़रूरी है. "अगर आप तेजी से खरीद प्रक्रिया नहीं करेंगे, ठेके नहीं करेंगे, आपूर्तिकर्ताओं पर अनुबंध पूरा करने का दबाव नहीं बनाएंगे, तो आपकी क्षमता खुद आपके बजट से बड़ी बाधा बन जाती है.
‘मेक इन इंडिया’ के तहत आत्मनिर्भरता की ओर कदम
रक्षा सचिव ने बताया कि “मेक इन इंडिया” पहल के तहत भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है. 2023-24 में देश का रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड है. भारत की मजबूत रक्षा औद्योगिक नींव में 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (DPSUs) 430 से अधिक लाइसेंस प्राप्त निजी कंपनियां और करीब 16,000 MSMEs शामिल हैं, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा योगदान दे रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की जवाबी कार्रवाई ने न केवल देश की सैन्य क्षमताओं को दर्शाया बल्कि ब्रह्मोस जैसी स्वदेशी मिसाइलों की ताकत को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित किया. भारत अब आत्मनिर्भरता के पथ पर तेजी से अग्रसर है और अपनी सुरक्षा नीतियों और सैन्य तैयारियों को और मजबूत बना रहा है.