सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट मामले में छह स्थानों पर तलाशी ली

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-12-2023
CBI searches six places in Jammu and Kashmir in Kiru Hydro Power Project case
CBI searches six places in Jammu and Kashmir in Kiru Hydro Power Project case

 

नई दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 2019 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य का ठेका देने में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा उठाए गए कथित भ्रष्टाचार के मामले में देश भर में छह स्थानों पर तलाशी ले रही है.

सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने छह स्थानों पर तलाशी ली, जिनमें से तीन दिल्ली में और एक-एक नोएडा, चंडीगढ़ और शिमला में हैं. सूत्र ने कहा कि एजेंसी कंवलजीत सिंह दुग्गल के चार परिसरों, डी.पी. सिंह के एक परिसर और दिल्ली स्थित मेनस्ट्रीम आईटी सॉल्यूशन नामक कंपनी के एक सामान्य परिसर की तलाशी ले रही है. ताजा तलाशी इसकी जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आने के बाद हुई. सीबीआई को कुछ दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जिनकी वह जांच करेगी. 

23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

सीबीआई ने पिछले साल अप्रैल में एक मामला दर्ज किया था. इसके संबंध में कई अधिकारियों और व्यक्तियों से जुड़े परिसरों पर पिछले तीन मौकों पर तलाशी ली थी.

मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने पिछले साल अप्रैल में 10 स्थानों पर और जून 2022 में 16 स्थानों पर तलाशी ली. सीबीआई ने जांच के हिस्से के रूप में इस साल मई में भी 12 स्थानों पर तलाशी ली.

एजेंसी ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (प्राइवेट) लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारियों एम.एस. बाबू, एम.के. मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है. चौधरी 1994-बैच के जम्मू-कश्मीर-कैडर (अब एजीएमयूटी कैडर) के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं.

पिछले साल अप्रैल में पंजीकृत किरू जलविद्युत परियोजना के सिविल कार्य पैकेज के लिए अनुबंध देने में कथित कदाचार से संबंधित अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा था कि ई-टेंडरिंग से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था.

सीबीआई ने पहले कहा था, "किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों का ठेका एक निजी कंपनी को देने में कदाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था." एजेंसी ने नवीन कुमार चौधरी, पूर्व एमडी एम.एस. बाबू और पूर्व निदेशकों एम.के. मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा, और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 

 

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