नई दिल्ली. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बुधवार को उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के थाना नरसेना इलाके के गांव खदोई में एक निजी प्रोग्राम में शामिल हुए. यहां पर स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. खान ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए सीएए को लेकर भी बयान दिया. राज्यपाल ने कहा, ''महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक, सभी ने इसके बारे में बात की. यह वादा 1947 में किया गया था."
उन्होंने कहा, "1947 में जो लोग पाकिस्तान में रह गए, उनमें से बहुत लोगों को पाकिस्तान में जबरदस्ती रोका गया. हम तो अंग्रेजों के गुलाम थे, आजाद हो गए. लेकिन जो पाकिस्तान में रह गए, उनको जबरदस्ती रोका गया."
उन्होंने आगे कहा, ''मैं आपको एक-एक नाम बता रहा हूं -- महमज सरफराज, जो पाकिस्तान की महिला पत्रकार हैं. उनका आर्टिकल आप इंटरनेट पर पढ़ लीजिए. आपको पता लग जाएगा कि पाकिस्तान में कितनी बच्चियों को किडनैप किया जा रहा है, उनकी जबरन शादी कराई जा रही है और उनके ऊपर कितना जुल्म किया जा रहा है.''
उन्होंने कहा कि हम तो अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गए, लेकिन उनका दर्जा बहुत नीचे चला गया. सीएए महात्मा गांधी का किया हुआ वादा है. उनसे लेकर हर किसी ने इस वादे को दोहराया है. पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल राजनीति के सवालों पर बोलने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि जिसे हम अपना राष्ट्रपिता कहते हैं, उन्होंने यह वादा किया था.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ये वादा किया था. डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे, उनके पहले अभिभाषण में इस वादे को दोहराया गया था. सबसे आखिर में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी खत मौजूद है. मैं कोई नई बात नहीं बता रहा हूं. कितने प्रोग्राम में तीन साल पहले सभी डॉक्यूमेंट दिखा भी दिए गए हैं. जिसे राष्ट्रपिता कहते हो, उसके कम से कम वादे को सम्मान तो दो.
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