बांदीपुरा मुठभेड़: गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी घायल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 25-04-2025
Bandipora Encounter: Two security personnel sustain injuries in exchange of fire
Bandipora Encounter: Two security personnel sustain injuries in exchange of fire

 

कश्मीर

पुलिस ने शुक्रवार सुबह बताया कि बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, आज सुबह जम्मू और कश्मीर के बांदीपुरा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया इनपुट के आधार पर जिले के कुलनार अजस इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. "25 अप्रैल 2025 को, आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू और कश्मीर पुलिस द्वारा बांदीपुरा के कोलनार अजस के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था. 
 
संपर्क स्थापित किया गया और गोलीबारी शुरू हो गई." भारतीय सेना के चिनार कोर ने एक्स पर लिखा. आगे के विवरण की प्रतीक्षा है. पुलिस ने कहा कि गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान सेना का एक जवान घायल हो गया. "विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, आज बसंतगढ़, उधमपुर में जम्मू और कश्मीर के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया. संपर्क स्थापित किया गया, और भीषण गोलीबारी हुई. हमारे एक बहादुर को शुरुआती मुठभेड़ में गंभीर चोटें आईं और बाद में उसकी मौत हो गई. इस बीच, भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में होंगे." 
 
यह 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद मचे हंगामे के बीच हुआ है, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे. आतंकी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना (SVES) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना. इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया है और देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तथा पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है.