कार्बी आंगलोंग (असम)
असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी है। यह आदेश 22 दिसंबर 2025 से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। जिला मजिस्ट्रेट निरोला फांगचोपी द्वारा जारी निषेधाज्ञा का उद्देश्य सार्वजनिक शांति बनाए रखना और किसी भी तरह की जातीय या सांप्रदायिक अशांति को रोकना बताया गया है।
प्रशासनिक आदेश के तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक लोगों और निजी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। सार्वजनिक स्थानों पर रैली, धरना, पिकेटिंग और मशाल जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। हथियार रखने, पटाखे फोड़ने, भड़काऊ या राष्ट्र-विरोधी भाषण देने, पोस्टर लगाने या दीवारों पर लिखने पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई है। बिना पूर्व अनुमति लाउडस्पीकर या माइक्रोफोन के इस्तेमाल की भी मनाही रहेगी।
हालांकि, ड्यूटी पर तैनात पुलिस, सेना और प्रशासनिक अधिकारियों को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। चिकित्सा आपात स्थितियों में लोगों को आने-जाने की अनुमति होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय (परीक्षाओं के लिए) और सरकारी व निजी कार्यालय सामान्य रूप से काम करते रहेंगे।
तनाव की स्थिति उस वक्त उत्पन्न हुई जब प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) तुलिराम रोंगहांग के आवास को आग के हवाले कर दिया। यह घटना डोंगकामुकाम इलाके में खेरोनी के पास हुई। प्रदर्शनकारी VGR (Village Grazing Reserve) और PGR (Professional Grazing Reserve) भूमि से कथित अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे।
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, जिसमें तीन प्रदर्शनकारी और कुछ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। एक स्कूल बस और कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
स्थिति का जायजा लेने के लिए असम के मंत्री डॉ. रणोज पेगू और असम के डीजीपी हरमीत सिंह मौके पर पहुंचे। आईजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं और हालात को सामान्य करने की कोशिश जारी है।
गौरतलब है कि PGR और VGR भूमि से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया फरवरी 2024 में नोटिस जारी होने के बावजूद गुवाहाटी हाई कोर्ट में लंबित याचिका के चलते रुकी हुई है। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और आगे की जानकारी का इंतजार है।