गुवाहाटी (असम)
असम के नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जुबीन गर्ग की मौत की जांच में पारदर्शिता नहीं बरत रही है। सैकिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के हालिया बयान से यह संदेह उत्पन्न होता है कि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जनता के बीच जांच की सच्चाई को लेकर भ्रम फैलाया है।
सैकिया ने कहा कि उन्हें शक है कि एसआईटी (विशेष जांच दल) का कोई सदस्य मुख्यमंत्री को अंदरूनी जानकारी दे रहा है। शुरुआत में मुख्यमंत्री ने इसे हत्या बताया था, लेकिन बाद में कहा कि तथ्य सामने आने में समय लगेगा। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने एसआईटी से क्या जानकारी हासिल की है जिसे वह मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक कर रहे हैं।
सैकिया ने यह भी पूछा कि क्या जुबीन गर्ग की सुरक्षा को लेकर पहले से कोई चिंता थी, तो क्या पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे जब वह सिंगापुर गए थे। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री पबित्रा मरगेरिटा से जवाबदेही की मांग की और आश्चर्य व्यक्त किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जुबीन गर्ग के परिवार से संपर्क क्यों नहीं किया।
सैकिया ने यह भी सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री के नियंत्रण में आने वाले सीएम वीजिलेंस के अफसरों को असम के 1922 में स्थापित असम CID में क्यों नियुक्त किया गया, जबकि CID के पास अनुभवी अधिकारी हैं। उन्होंने पूछा कि क्या जांच के दौरान किसी मजिस्ट्रेट या सरकारी गवाह की मौजूदगी थी, और अगर व्यापारी श्यामकनु महंता के घर को सील किया गया था, तो उनकी परिवार कैसे वहां वापस लौट सकी।
सैकिया ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने 10 सितंबर को जांच से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सार्वजनिक करने का वादा किया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने 24 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में CID और CBI की संयुक्त जांच की मांग की है।
इसके अलावा, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग को 18 अक्टूबर को एक पत्र भेजा गया है जिसमें जांच में पारदर्शिता बनाए रखने की अपील की गई है। उन्होंने सवाल किया कि जुबीन गर्ग को क्यों आधिकारिक सुरक्षा, आवास और मेडिकल सहायता नहीं दी गई, जबकि सिंगापुर प्रशासन को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी थी।
इधर, जुबीन गर्ग की मौत से संबंधित जांच में SIT/CID टीम ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आयोजक श्यामकनु महंता, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, उनके कजिन संदीपान गर्ग (सस्पेंडेड एपीएस अधिकारी), बैंड के साथी शेखर ज्योति गोस्वामी, को-गायिका अमृतप्रवा महंता और दो पीएसओ नंदेश्वर बोरा व परेश वैश्या शामिल हैं। गुवाहाटी की सीजेएम कोर्ट ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।