Arvind suicide case: Court directs Bhavish Aggarwal and others to cooperate in the investigation.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ‘ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) भाविश अग्रवाल और होमोलोगेशन इंजीनियरिंग के प्रमुख सुब्रत कुमार दास को कंपनी के इंजीनियर के. अरविंद की आत्महत्या के मामले में जारी जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति मोहम्मद नवाज ने याचिकाकर्ताओं को पहले से दी गई अंतरिम सुरक्षा को बुधवार को 17 नवंबर तक बढ़ा दिया और पुलिस को निर्देश दिया कि जांच के नाम पर उन्हें परेशान न किया जाए। अदालत इन दोनों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
यह मामला अरविंद के भाई अश्विन कन्नन द्वारा सुब्रमण्यपुरा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।
अरविंद का एक कथित सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उसने कार्यस्थल पर उत्पीड़न और याचिकाकर्ताओं द्वारा वेतन एवं अन्य सुविधाएं देने से इनकार किए जाने का आरोप लगाया गया।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं ने सुसाइड नोट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संभव है कि नोट अरविंद के बजाय शिकायतकर्ता ने लिखा हो। उन्होंने यह भी दावा किया कि अरविंद की मृत्यु से संबंधित तस्वीरों और साक्षात्कारों के प्रसार से कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है, शेयर मूल्य पर असर पड़ा है और कई कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है।
इसके विपरीत, शिकायतकर्ता के वकील ने ओला इलेक्ट्रिक की तुलना ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ से की और कहा कि कंपनी के अधिकारी जिम्मेदारी से बचने तथा दोष दूसरों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं।