Are you struggling to finish something? Here are some things you can try.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
हम सभी जीवन में हर काम का समापन या उसका समय पर पूरा होना (क्लोजर) चाहते हैं। किसी रिश्ते का अंत, अचानक नौकरी छूटना या किसी प्रियजन की मृत्यु हमारे मन में कई सवाल पैदा कर देती हैं जिनके जवाब पाने के लिए हम बेचैन हो जाते हैं। युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं या सामूहिक त्रासदियां भी इसी तरह की भावना जगाती हैं।
हमारी ‘क्लोजर’ पाने की चाह इतनी गहरी है कि यह फिल्मों, उपन्यासों, गीतों और हमारे रोजमर्रा के वाक्यों जैसे ‘‘आगे बढ़ना’’ या ‘‘भूल जाना’’ में झलकती है।
लेकिन वास्तव में किसी चीज का अंत इतना आसान नहीं है। कई बार यह कभी पूरी तरह नहीं होता। जब ऐसा होता है, तो अधूरे अनुभव हमारे भीतर बोझ बन जाते हैं, जिससे हमारा मूड, स्वास्थ्य, पहचान और रिश्ते प्रभावित होते हैं। ऐसे अनिश्चित समय में यह सीखना जरूरी है कि अधूरे या अनसुलझे अनुभवों के साथ कैसे जिया जाए।
‘क्लोजर’ क्या है और यह क्यों जरूरी है?
‘क्लोजर’ वह मानसिक शांति है जब कोई पीड़ादायक या उलझन भरा अनुभव इतना सुलझ जाता है कि वह अब हमें उस पर मानसिक या भावनात्मक ऊर्जा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह वह बिंदु है जब कोई घटना समझ में आ चुकी होती है और अब हमें परेशान नहीं करती। इसके बिना, पुरानी यादें बार-बार लौटती हैं और हमें पछतावे, गुस्से या उलझन में डाल देती हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि अनसुलझी यादें तब तक वर्तमान जैसी महसूस होती हैं जब तक उन्हें अतीत के हिस्से के रूप में पुन: परिभाषित न किया जाए। जब समाधान मिल जाता है, तो मन मुक्त होकर वर्तमान लक्ष्यों और रिश्तों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। यही कारण है कि लोग थेरेपी, आत्म-सहायता या अन्य साधनों की ओर रुख करते हैं।
‘क्लोजर’ को मापने की दिशा में कदम :
अब मनोवैज्ञानिकों ने ‘क्लोज़र एंड रिज़ॉल्यूशन स्केल’ (सीआरएस) नामक एक उपकरण विकसित किया है, जो भावनात्मक राहत, मानसिक शांति, समझ और व्यवहारिक बदलाव जैसे पहलुओं को मापता है। इससे यह समझना आसान होता है कि लोग किस तरह ‘क्लोजर’ महसूस करते हैं।
‘क्लोजर’ पाने में कठिनाई क्यों होती है?
क्यों हम अक्सर चीजों को खत्म नहीं कर पाते हैं? अध्ययन में इसकी कई वजहें सामने आयी हैं।
1) अस्पष्टता: जब किसी स्थिति का अंत स्पष्ट नहीं होता तो हमारा दिमाग जवाब ढूंढने लगता है लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार आपको जवाब मिल ही जाए।
2) अनदेखी: दुख से बचने की कोशिश हमें अस्थायी राहत देती है लेकिन स्थायी रोक देती है।
3) बाधाएं: कई बार हमें ‘क्लोजर’ के लिए किसी की माफी, बातचीत या स्पष्टीकरण चाहिए होता है जो नहीं मिल पाता।
‘क्लोजर’ पाने के उपाय :
अगर आप या आपके जीवन में कोई व्यक्ति किसी चीज का अंत करने के लिए जूझ रहा है तो आप कुछ चीजें आजमा सकते हैं :
1) बात करें: थेरेपी या भरोसेमंद व्यक्ति से बात करना राहत देता है।
2) लिखना : डायरी लिखना या पत्र लिखकर उन्हें नहीं भेजना भी मददगार हो सकता है।
3) दृष्टिकोण बदलें: कहानी को नए नजरिए से देखने की कोशिश करें।
4) सहारा लें: दोस्तों या समान अनुभव वाले लोगों से जुड़ें।