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एशियाई और प्रशांत क्षेत्र के 21 देशों के नेता आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और साझा चुनौतियों से निपटने के उपायों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को अपना वार्षिक एपेक शिखर सम्मेलन शुरू किया।
इससे एक दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने व्यापार तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई थी। ट्रंप ने चिनफिंग के साथ हुई बैठक को सफल बताते हुए कहा कि अमेरिका चीन पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) में कटौती करेगा। वहीं, बीजिंग ने दुर्लभ धातुओं के निर्यात की अनुमति देने और अमेरिका से सोयाबीन खरीदने पर सहमति जताई। इस समझौते को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए राहत भरा कदम माना जा रहा है।
एपेक, जिसकी स्थापना 1989 में वैश्वीकरण के बढ़ते दौर में हुई थी, वैश्विक व्यापार का आधा से अधिक हिस्सा प्रतिनिधित्व करता है और मुक्त एवं खुले व्यापार और निवेश का समर्थन करता है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि, “हम हमेशा एक ही पक्ष में नहीं खड़े हो सकते क्योंकि हमारे राष्ट्रीय हित अलग-अलग हैं, लेकिन साझा समृद्धि के लक्ष्य के लिए हम एकजुट हो सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सम्मेलन के दौरान तेजी से बदलते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिवेश की चुनौतियों पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा होगी, ताकि एपेक के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सके।
यह दो दिवसीय सम्मेलन क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को मजबूत करने और वैश्विक व्यापार में स्थिरता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
