अजीत डोभाल की रूस यात्रा: ब्रिक्स सुरक्षा सम्मेलन और यूक्रेन पर होगी बातचीत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 09-09-2024
Ajit Doval's visit to Russia: BRICS security conference and Ukraine to be discussed
Ajit Doval's visit to Russia: BRICS security conference and Ukraine to be discussed

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

 ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिखर सम्मेलन अक्टूबर में रूस के कज़ान में आयोजित किया जाएगा, जिसकी मेज़बानी रूस करेगा. इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले, अजीत के. डोभाल अगले सप्ताह रूस की यात्रा पर जाएंगे.

 कहा जा रहा है कि इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित मामलों पर चर्चा होने की संभावना है.सूत्रों के अनुसार, इस दौरे के दौरान डोभाल अपने चीनी समकक्ष के साथ भी बैठक कर सकते हैं. इसके अलावा, वह अपने रूसी समकक्ष और अन्य ब्रिक्स सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकों में भी शामिल हो सकते हैं.

 इससे पहले उन्होंने 2023 में जोहान्सबर्ग में आयोजित 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लिया था.गौरतलब है कि पिछले वर्ष ब्रिक्स समूह में पांच नए सदस्य – सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इथियोपिया को शामिल किया गया था. यह पहली एनएसए बैठक है जो समूह के विस्तार के बाद हो रही है.

रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई चर्चा में यह निर्णय लिया गया कि अजीत डोभाल रूस का दौरा करेंगे, जहां वे यूक्रेन युद्ध और शांति के मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे.

ब्रिक्स एनएसए बैठकें ब्रिक्स देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख मुद्दों जैसे आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, शांति और स्थिरता, और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध पर चर्चा की जाएगी.

ब्रिक्स देशों के एनएसए 2009 से इन सुरक्षा मुद्दों पर संवाद और सूचनाओं का आदान-प्रदान करते आ रहे हैं. ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रणनीतियों को मजबूत करने और वैश्विक शांति और सुरक्षा में योगदान देने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं.

2020 में ब्रिक्स एनएसए की 10वीं बैठक में वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा, और अभिनव विकास जैसे मुद्दों पर गहन मंथन किया गया था. इस बैठक में आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया था.