A soldier martyred in Jammu-Kashmir accident, eyes of family members filled with tears
आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में छह मई को सैन्य वाहन दुर्घटना में जान गंवाने वाले छह कर्मियों में शामिल सूरज सिंह यादव का पार्थिव शरीर शुक्रवार को यहां चकर नगर तहसील में उनके पैतृक गांव प्रेम का पुरा में लाया गया. एक प्रशासनिक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि सैनिक का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. अपर जिलाधिकारी (एडीएम) अभिनव रंजन ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात सैन्य सुरक्षा के बीच उनका पार्थिव शरीर इटावा लाया गया. रंजन ने बताया कि पार्थिव शरीर को पहले जिला अस्पताल के पार्थिव शरीरगृह में रखा जाना था, लेकिन वहां गंदगी और ‘डीप फ्रीजर’ खराब पाया गया, जिसके कारण परिजनों ने विरोध किया.
अपर जिलाधिकारी के मुताबिक इसके बाद पार्थिव शरीर को ‘पोस्टमार्टम हाउस’ ले जाया गया, जहां ‘फ्रीजर’ काम नहीं कर रहा था। इससे परिजनों में फिर से आक्रोश फैल गया, जिसके बाद एडीएम एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. बाद में स्थानीय पत्रकारों और एडीएम के बीच थोड़ी बहस हुई। एडीएम ने संयम बरतने की अपील की और स्थिति को शांत किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता उर्फ अन्नू और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रांतीय सचिव गोपाल यादव भी मौके पर पहुंचे और व्यवस्था पर असंतोष जताया.
आखिरकार, पार्थिव शरीर को जिला सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय में खड़ी एंबुलेंस में रात भर रखा गया. अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को पार्थिव शरीर को सैनिक के चित्र और मालाओं से सजे वाहन से इटावा-कानपुर राजमार्ग के रास्ते गांव ले जाया गया. बकेवर कस्बे में स्थानीय लोगों ने जुलूस पर पुष्प वर्षा की. मोटरसाइकिल सवार युवा राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए देशभक्ति के नारे लगाते हुए काफिले की अगुवाई कर रहे थे. शोक संतप्त लोग हाथ जोड़कर और नम आंखों के साथ सड़कों पर खड़े थे. करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय करकर पार्थिव शरीर को प्रेम का पुरा गांव पहुंचाया गया। तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया.
गांव के पास ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया. सेना के जवानों ने सलामी दी और उपजिलाधिकारी ब्रह्मानंद सिंह कठेरिया, क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे और स्थानीय तहसीलदार समेत अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. सपा के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य 'बबलू' और प्रांतीय सचिव गोपाल यादव ने भी सैकड़ों स्थानीय निवासियों के साथ पुष्पांजलि अर्पित की. सूरज सिंह यादव के आठ वर्षीय बेटे अंशु उर्फ विजय प्रताप ने वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार चिता को मुखाग्नि दी, जिससे भीड़ में मौजूद कई लोगों की आंखों से आंसू छलक आए.