आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि लड़कियों में जल्दी यौवनारंभ (11 वर्ष से पहले मासिक धर्म) या महिलाओं में कम उम्र (21 वर्ष से पहले) में बच्चे को जन्म देना, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करता है और जीवन में आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का खतरा दोगुना कर देता है.
यह शोध, eLife पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और इसे अमेरिका के बक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया। अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं जल्दी यौवन या कम उम्र में प्रसव का अनुभव करती हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज़, हृदय रोग और मोटापे का खतरा दोगुना हो जाता है. इसके अलावा, उनमें मेटाबॉलिक विकार विकसित होने की संभावना सामान्य महिलाओं की तुलना में चार गुना अधिक होती है.
देर से यौवन और मातृत्व से मिलते हैं फायदे
शोध में यह भी पाया गया कि देर से यौवनारंभ और अपेक्षाकृत बाद में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं का जीवनकाल लंबा होता है. उनमें शारीरिक कमजोरी कम पाई जाती है, बुढ़ापे की गति धीमी रहती है और अल्ज़ाइमर जैसी उम्र से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है.
जीन और उम्र का गहरा रिश्ता
शोधकर्ताओं ने लगभग 2 लाख महिलाओं पर किए गए रिग्रेशन विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला. इसमें 126 जेनेटिक मार्कर्स की पहचान की गई जो जल्दी यौवन और प्रसव से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को प्रभावित करते हैं. इनमें से कई जीन ऐसे हैं जो लॉन्गेविटी पाथवे (दीर्घायु मार्ग) जैसे IGF-1, ग्रोथ हार्मोन, AMPK और mTOR सिग्नलिंग से जुड़े हैं.