दिल्ली के वयस्कों के शरीर में गर्मियों में दोगुने माइक्रोप्लास्टिक सांस के जरिए पहुंचते हैं : अध्ययन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 19-08-2025
Delhi adults breathe in twice as many microplastics during summers: Study
Delhi adults breathe in twice as many microplastics during summers: Study

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में राष्ट्रीय राजधानी के वयस्कों के शरीर में सांस के जरिये लगभग दोगुने माइक्रोप्लास्टिक कण पहुंच रहे हैं। एक हालिया अध्ययन में यह दावा किया गया है.
 
अध्ययन के मुताबिक सर्दियों के महीनों में माइक्रोप्लास्टिक के औसतन 10.7 कण शरीर में सांस के रास्ते पहुंचते हैं जो गर्मी के मौसम में बढ़कर 21.1 कण तक हो जाता है। इस प्रकार सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में वयस्कों के शरीर में सांस के रास्ते 97 प्रतिशत अधिक माइक्रोप्लास्टिक कण पहुंचते हैं.
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘दिल्ली- एनसीआर में वायुजनित माइक्रोप्लास्टिक्स का अभिलक्षण और स्वास्थ्य जोखिम आकलन’’ शीर्षक से किए गए अध्ययन में कहा गया है कि बच्चों और शिशुओं को भी इससे काफी खतरे का सामना करना पड़ता है.
 
अध्ययन के मुताबिक छह से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के शरीर में सर्दियों में प्रतिदिन लगभग 8.1 कण सांस के माध्यम से पहुंचते हैं, जो गर्मियों में बढ़कर 15.6 हो जाता है, जबकि एक से छह वर्ष की आयु के बच्चों के शरीर में सर्दियों में 6.1 कण और गर्मियों में 11.7 कण सांस के रास्ते पहुंचते हैं.
 
अध्ययन में कहा गया कि यहां तक कि एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं के शरीर में सर्दियों में रोजाना 3.6 कण श्वास के माध्यम से पहुंचते हैं, जो गर्मियों में लगभग दोगुना होकर 6.8 हो जाता है.
 
अनुसंधानकर्ताओं ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए 2024 की सर्दियों (जनवरी से मार्च) और गर्मियों (अप्रैल से जून) के दौरान लोधी रोड, मध्य दिल्ली में वायु के नमूने एकत्र किए, जिसमें ‘पंप सैंपलर’ का उपयोग कर विभिन्न आकारों के कणों को जैसे पीएम 10 (10 माइक्रोमीटर तक के छोटे धूल कण), पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर तक के कण) और पीएम 1 (1 माइक्रोमीटर तक) को एकत्र किया गया.
 
यह उपकरण भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की इमारत की छत पर, जमीन से लगभग 30 मीटर ऊपर स्थापित किया गया था, तथा इसे सप्ताह के दिनों और सप्ताहांत दोनों में संचालित किया जाता था.
 
अध्ययन में दिल्ली के दैनिक श्वसन संपर्क (5.3 से 15.4 कण, यानी सालाना 1,935 से 5,621 कण) की तुलना अन्य शहरों से की गई। इसमें पाया गया कि दिल्ली का स्तर मेक्सिको सिटी से ज़्यादा है, जहां प्रतिदिन 2.4 कण (यानी सालाना 876 कण) दर्ज किए गए, लेकिन स्कॉटलैंड के इनडोर संपर्क (यानी रोजाना 38-187 कण, यानी सालाना 13,731-68,415 कण) से कम है.