आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मोटर वाहन उद्योग ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की विभिन्न श्रेणियों में मोटर वाहन पर कर दरों में कटौती का फैसला सही समय पर लिया गया है और इससे क्षेत्र को नई गति मिलेगी.
उद्योग निकायों ने कहा कि कर ढांचे का सरलीकरण एवं सार्वजनिक परिवहन के लिए कम दरें एक अच्छा कदम है, जिससे सामर्थ्य बढ़ेगा एवं मांग में तेजी आएगी। साथ ही उन्होंने सरकार के जल्द ही बिना बिके वाहनों पर क्षतिपूर्ति उपकर के उपयोग के लिए उपयुक्त तंत्र को अधिसूचित करने की उम्मीद जाहिर की जिससे एक सुचारू एवं प्रभावी बदलाव सुनिश्चित होगा.
सोसायटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्र ने कहा कि मोटर वाहन उद्योग वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत करने के सरकार के फैसले का स्वागत करता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ यह समय पर उठाया गया कदम उपभोक्ताओं के लिए नई खुशी लेकर आएगा। साथ ही भारतीय मोटर वाहन क्षेत्र में नई गति लाएगा.’
चंद्रा ने यह भी कहा कि मोटर वाहन उद्योग को ‘‘ विश्वास है कि सरकार शीघ्र ही बिना बिके वाहनों पर क्षतिपूर्ति उपकर के उपयोग के लिए उपयुक्त तंत्र को अधिसूचित करेगी, जिससे सुचारू एवं प्रभावी परिवर्तन सुनिश्चित होगा.’’
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष सी. एस. विग्नेश्वर ने कहा, ‘‘ साहसिक एवं प्रगतिशील सुधार ’’ कर संरचना को सरल बनाते हैं, जन परिवहन के लिए दरें कम करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक निर्णायक कदम है, जो सामर्थ्य व मांग को बढ़ाएगा और भारत के परिवहन परिवेश को अधिक मजबूत एवं समावेशी बनाएगा.
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) ने भी सभी मोटर वाहन घटकों पर एक समान 18 प्रतिशत कर लगाने के फैसले का स्वागत किया.
एसीएमए की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा, ‘‘ मोटर वाहन घटकों के उद्योग की ओर से, मैं इस ऐतिहासिक सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करती हूं। एसीएमए सभी मोटर वाहन घटकों पर जीएसटी की दर को एक समान 18 प्रतिशत करने की काफी समय से मांग कर रहा था.