गोवा
गोवा में फिल्मों की शूटिंग अब और भी आसान होगी क्योंकि एक सितंबर से यहां एकल खिड़की ऑनलाइन मंजूरी प्रणाली लागू हो रही है। यह नई प्रणाली फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए आवश्यक सभी अनुमतियों को एक ही मंच से ऑनलाइन प्राप्त करने की सुविधा देगी। इससे पहले निर्माताओं को कई विभागों में जाकर अलग-अलग अनुमति लेनी पड़ती थी, जो काफी जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया थी।
गोवा लंबे समय से भारतीय सिनेमा के लिए एक लोकप्रिय शूटिंग स्थल रहा है। 1960 और 70 के दशक में यहां की सुरम्य समुद्र तटों और प्राकृतिक दृश्यों को फिल्मों में खूब दिखाया गया। इसके बाद 2000 के दशक में ‘दिल चाहता है’ जैसी फिल्मों ने गोवा की शहरी झलक को भी बड़े पर्दे पर प्रस्तुत किया। गोवा की औपनिवेशिक वास्तुकला, घुमावदार ग्रामीण सड़कें, नदी किनारे और प्रसिद्ध समुद्र तट आज भी कई फिल्मों की शूटिंग के लिए आदर्श स्थल बने हुए हैं। ‘बॉबी’, ‘त्रिशूल’, ‘जोश’, ‘दिल चाहता है’ और ‘डियर जिंदगी’ जैसी कई लोकप्रिय फिल्मों की शूटिंग इसी खूबसूरत जगह पर हुई है।
गोवा सरकार की नोडल एजेंसी, एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी), ने इस नई एकल खिड़की ऑनलाइन सुविधा पोर्टल को शुरू किया है। ईएसजी की उपाध्यक्ष डेलिलाह लोबो ने बताया कि इससे पहले फिल्म निर्माताओं को अनुमति लेने के लिए ईएसजी के कार्यालय जाकर आवेदन देना पड़ता था, लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा, “1 सितंबर से यह नया पोर्टल पूरी तरह से लागू हो जाएगा। इससे फिल्म निर्माता गोवा में शूटिंग की मंजूरी पाने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी, वे घर बैठे ही आवेदन कर सकेंगे।”
इस नई व्यवस्था से गोवा को एक और बढ़त मिलेगी और अधिक फिल्म निर्माता इसे शूटिंग के लिए चुनेंगे। फिल्म उद्योग के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत साबित होगी क्योंकि अनुमति प्रक्रिया में फंसे रहने वाले निर्माताओं को अब लंबी जद्दोजहद से नहीं गुजरना पड़ेगा।
लाइन प्रोड्यूसर दिलीप बोरकर, जिन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘अग्निपथ’ (1990) से अपना करियर शुरू किया था और अब तक 700 से अधिक फिल्मों की शूटिंग में गोवा का सहयोग दिया है, ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की एक बहुत ही अच्छी पहल है। हम पिछले लगभग पांच सालों से इस दिशा में प्रयासरत थे। अब 1 सितंबर से इस नई प्रणाली के लागू होने की खबर हमारे लिए बहुत उत्साहजनक है।”
इस नई व्यवस्था से न केवल अनुमति प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी, बल्कि फिल्म निर्माताओं के लिए गोवा का आकर्षण भी बढ़ेगा। इस तरह गोवा फिर से एक बार फिल्मों के लिए देश का पसंदीदा स्थल बनकर उभरेगा।