सायरा बानो ने अपने जन्मदिन पर बताया दिलीप कुमार से मोहब्बत की दास्तां

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-08-2023
Saira Banu Dilip kumar love story
Saira Banu Dilip kumar love story

 

मुंबई.

दिग्गज अभिनेत्री सायरा बानो ने अपने जन्मदिन पर पति दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर कुछ पुरानी तस्वीरें शेयर किया. अभिनेत्री ने दिल छू लेने वाली यादों के बारे में अपने फैंस को बताया.

इंस्टाग्राम पर कुछ पुरानी तस्वीरें पोस्‍ट करते हुए अभिनेत्री ने एक लंबा नोट भी लिखा. अभिनेत्री ने अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा, ''जहां तक मुझे याद है मेरे जन्मदिन मेरे लिए बहुत 'खास' रहे हैं.

मेरी मां नसीम बानो जी मेरे जन्मदिन को खास बनाने के लिए हमेशा मौजूद रहती थी, चाहे वह मुंबई हों या लंदन. यादों की गलियों में चलते हुए उन्होंने परिवार के बारे में लिखा, “घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ हमारा एक छोटा परिवार था.

 

 

मेरी दादी, मेरी मां और मेरा प्यारा भाई सुल्तान एक-दूसरे के बहुत करीब थे. जैसे ही मैंने अपना लंदन में स्कूल खत्‍म किया और बंबई घर वापस आई, मुझे सुपर हिट फिल्म 'जंगली' में काम करने का मौका मिला, जो उस समय की लोकप्रिय फिल्‍म बन गई.

जब तक ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में ही चलन में थीं और उनका बोलबाला था.'' उन्‍होंने आगे कहा, ''जल्द ही जीवन रोशनी और खुशियों से भर गया. मेरे जन्मदिन पर दोस्तों और प्रशंसकों के फूलों के तोहफों से मेरा घर भर जाता था.

23 अगस्त 1966 को ऐसी ही एक बेहतरीन शाम को 34-बी पाली हिल स्थित हमारे नए आवास का गृह प्रवेश बिल्कुल दिलीप साहब के घर के सामने किया गया था. वह मद्रास में शूटिंग कर रहे थे और मेरी मां के निमंत्रण पर मेरे जन्मदिन में शामिल होने के लिए शहर आये.''

उन्होंने आगे बताया, ''जब दिलीप साहब ने उनके जीवन में कदम रखा, तो एक के बाद एक चमत्कारों के साथ जीवन सौभाग्य से घिर गया और क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अभिनय के सम्राट जिनके लिए दुनिया उनका मंच थी.

दिलीप कुमार मुझे तब से जानते थे जब मैं एक छोटी लड़की थी और इसलिए उन्होंने मेरे साथ काम करने से इनकार कर दिया था, लेकिन इस हाउस वार्मिंग पार्टी में मुझसे मिलने के तुरंत बाद उन्होंने कहा तुम बड़ी होकर एक खूबसूरत लड़की बन गई हो.''

पोस्‍ट में आगे लिखा, ''अगले कुछ दिनों में उन्होंने हर दूसरी रात मद्रास से बंबई तक तूफानी उड़ानों में यात्रा की और मेरे साथ रात्रिभोज किया. इन जादुई शामों में से एक में उन्होंने सवाल किया, क्या तुम मुझसे शादी करोगी ?

यहां एक सपना साकार हुआ जो मैंने किशोरावस्था से देखा था. हमने खुशी-खुशी शादी की, और मैंने अपना जीवन एक समर्पित पत्नी के रूप में शुरू किया. मुझे इस महान इंसान के विभिन्न पहलू और गुण देखने को मिले. वह उन सभी लोगों से भिन्न थे, जिनसे मैं कभी मिली हूं, एक ऐसा व्यक्ति जो शालीन लालित्य की शाही आभा बिखेरता था.''