बॉलीवुड का सबसे चर्चित और रॉयल परिवार माना जाने वाला कपूर खानदान सिर्फ अभिनय की परंपरा ही नहीं, बल्कि ग्लैमर, संस्कृति और विरासत की एक लंबी श्रृंखला भी अपने साथ लेकर चलता है. मौजूदा दौर में इस परिवार की नई पीढ़ी – करीना कपूर खान (44), रणबीर कपूर (42) और आलिया भट्ट कपूर (32) – फिल्मी दुनिया में सक्रिय भूमिका निभा रही है.
लेकिन इस चमकते सितारों से भरे परिवार में ‘चिराग-ए-कपूर’ का तमगा अक्सर रणबीर कपूर को ही दिया गया है। अब करीना कपूर खान के हालिया इंटरव्यू ने इस परंपरागत सोच को चुनौती दी है.
एक मीडिया बातचीत में करीना ने साफ कहा,"करिश्मा और मैंने कपूर खानदान की विरासत को आगे बढ़ाया है. हमारा सफर रणबीर के फिल्मों में आने से पहले ही शुरू हो गया था. हमारी मां हमेशा कहती थीं, ‘वे सिर्फ शेरनी नहीं हैं, वे बाघ हैं, क्योंकि उन्होंने ही कपूर नाम को जिंदा रखा है.’”
करीना के इस बयान ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है. जहां एक ओर करिश्मा कपूर की फिर से चर्चा शुरू हुई है, वहीं नेटिज़न्स ने कपूर बहनों को दिए जाने वाले सम्मान की बात भी दोहराई है.
एक यूज़र ने लिखा,“करिश्मा इसलिए चलीं ताकि करीना और रणबीर दौड़ सकें.”वहीं एक अन्य ने तीखी टिप्पणी की,“करिश्मा इसलिए दौड़ीं ताकि वे रेंग सकें.”
कई यूज़र्स ने यह भी याद दिलाया कि“बचपन में लोग करीना को ‘करिश्मा की बहन’ के तौर पर जानते थे. करिश्मा ने संघर्ष कर उस रास्ते को आसान बनाया जिस पर बाद में करीना और रणबीर चले.”
एक फैन ने लिखा,“रणबीर टैलेंटेड हैं, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन इंडस्ट्री के दरवाजे उनके लिए खुले हुए थे. करिश्मा को वो दरवाज़े तोड़ने पड़े.”
गौरतलब है कि करीना कपूर खान को बॉलीवुड में अपने 25 साल पूरे हो चुके हैं. रणबीर कपूर ने करीब 18 साल पहले फिल्मों में कदम रखा था, लेकिन करिश्मा कपूर इस सफर की सबसे पहली कड़ी थीं जिन्होंने 1991 में, सिर्फ 17 साल की उम्र में फिल्म ‘प्रेम कैदी’ से डेब्यू किया था.
पुरुष प्रधान माने जाने वाले कपूर परिवार की पहली महिला सदस्य के रूप में बॉलीवुड में प्रवेश करना करिश्मा के लिए आसान नहीं था. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, अभिनय क्षमता और स्टाइल से न सिर्फ आलोचकों को चुप कराया, बल्कि खुद को ‘ग्लैमरस दिवा’ और ‘फैशन आइकन’ के रूप में भी स्थापित किया.
इसलिए, करीना का यह बयान केवल व्यक्तिगत आत्मप्रशंसा नहीं, बल्कि कपूर खानदान की महिला पीढ़ी के संघर्ष और योगदान की एक सच्ची तस्वीर है – जिसे अब नए सिरे से पहचाने जाने की ज़रूरत है.