नई दिल्ली
बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त का जीवन हमेशा से उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। लेकिन जब उन्हें कैंसर का सामना करना पड़ा, तो वह एक और बड़ी जंग में कूद पड़े। हाल ही में यूट्यूबर रणबीर इलाहाबादिया के साथ एक पॉडकास्ट में संजय दत्त ने अपनी कैंसर यात्रा से जुड़े कई अनकहे पहलुओं को साझा किया।
संजय ने बताया कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उन्हें सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही थी।"मैं सीढ़ियाँ चढ़ने में असमर्थ था, बहुत जल्दी थक जाता था," उन्होंने कहा। जब डॉक्टर ने एक्स-रे करवाया, तो पता चला कि उनके फेफड़ों में पानी भर चुका है। शुरुआत में टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) का शक था, लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि उन्हें कैंसर है।
इस खबर ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया।"जब मुझे कैंसर के बारे में बताया गया, मैं टूट गया था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरी बहन ने आकर कहा, 'अगर तुम्हें कैंसर है तो क्या हुआ? सब ठीक हो जाएगा।' लेकिन मैं बच्चों के बारे में सोचकर रोने लगा। मुझे लगा, क्या मैं उन्हें बड़ा होते देख पाऊंगा?"
संजय ने आगे बताया कि पहले उन्होंने अमेरिका में इलाज कराने का फैसला किया, लेकिन वीज़ा न मिलने के कारण उन्होंने भारत में ही इलाज शुरू किया। उस दौर में उन्होंने खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखने की हर कोशिश की।
उन्होंने कहा,"मैंने जिम जाना शुरू किया, वजन कम किया। शरीर थक जाता था लेकिन मैंने खुद को हारने नहीं दिया."
अंततः, अक्टूबर 2020 में संजय दत्त ने ऐलान किया कि वे कैंसर मुक्त हो चुके हैं। इस अनुभव को उन्होंने अपने जीवन का सबसे यादगार और भावनात्मक मोड़ बताया।संजय दत्त की यह कहानी बताती है कि चाहे जीवन कितना भी मुश्किल क्यों न हो, हौसला और जज़्बा हो तो हर जंग जीती जा सकती है।