वृंदावन महोत्सव में हेमा मालिनी का शास्त्रीय नृत्य, दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 15-03-2025
Hema Malini's classical dance at Vrindavan Festival mesmerized the audience
Hema Malini's classical dance at Vrindavan Festival mesmerized the audience

 

कटक (ओडिशा)

प्रसिद्ध अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने वृंदावन महोत्सव में अपने अद्भुत ओडिसी और कथक नृत्य प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह वार्षिक कार्यक्रम, जिसे प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया द्वारा आयोजित किया गया था, भुवनेश्वर में होली उत्सव के हिस्से के रूप में शुक्रवार को आयोजित किया गया.

इस विशेष अवसर पर पुरी के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी उपस्थित थे. उन्होंने हेमा मालिनी को सम्मान स्वरूप भगवान जगन्नाथ की चांदी की नक्काशीदार कलाकृति भेंट की.

मंच पर हेमा मालिनी की अद्भुत प्रस्तुति

शानदार पीले रंग की पारंपरिक पोशाक पहने, 'शोले' फेम हेमा मालिनी ने अपने भावपूर्ण अभिव्यक्तियों और सुंदर नृत्य मुद्राओं से पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनका यह प्रदर्शन भारतीय शास्त्रीय नृत्य और सांस्कृतिक विरासत की भव्यता को दर्शाने वाला था.

ओडिशा आने पर हेमा मालिनी ने साझा किए अपने अनुभव

अपने प्रस्तुति से पहले, गुरुवार को एएनआई से बातचीत में हेमा मालिनी ने ओडिशा से जुड़े अपने अनुभवों और इस महोत्सव का हिस्सा बनने की खुशी साझा की.

"मैं होली के इस शुभ अवसर पर यहां आई हूं. कल, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया गुरुकुल के वार्षिक समारोह में मेरी प्रस्तुति थी. यह कार्यक्रम हर साल होली के दिन आयोजित किया जाता है. इस साल उन्होंने मुझे आमंत्रित किया, इसलिए मैं यहां नृत्य प्रस्तुत करने आई हूं."

इसके अलावा, हेमा मालिनी ने कहा कि गुरु रतिकांत महापात्र ने उन्हें श्री श्री विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया था.

"रतिकांत जी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। हम एक-दूसरे को कई वर्षों से जानते हैं. हमारे केलुचरण महापात्र जी के साथ भी बहुत अच्छे संबंध रहे हैं. जब भी मैं ओडिशा आती हूं, मुझे यहां बहुत अच्छा महसूस होता है. यहां की हरियाली और शांति मन को सुकून देती है."

भगवान जगन्नाथ के दर्शन करेंगी हेमा मालिनी

अपने ओडिशा दौरे के दौरान हेमा मालिनी ने यह भी बताया कि वह जगन्नाथ पुरी की यात्रा करेंगी.

"परसों मैं जगन्नाथ पुरी जाऊंगी और मुंबई लौटने से पहले भगवान जगन्नाथ के दर्शन करूंगी," उन्होंने कहा.

ओडिशा की धरती पर शास्त्रीय नृत्य और संस्कृति का यह भव्य आयोजन न केवल होली की रंगीन खुशियों में चार चांद लगाने वाला था, बल्कि भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर की अमूल्य झलक भी प्रस्तुत करने वाला साबित हुआ.