‘अबकी बार मोदी सरकार’ स्लोगन के रचयिता एड गुरू पीयूष पांडे का निधन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-10-2025
Ad guru Piyush Pandey, the creator of the slogan 'Abki Baar Modi Sarkar' (This time, a Modi government), has passed away.
Ad guru Piyush Pandey, the creator of the slogan 'Abki Baar Modi Sarkar' (This time, a Modi government), has passed away.

 

मुंबई

भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और लोकप्रिय स्लोगन ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ के रचयिता पीयूष पांडे का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया। पांडे पिछले कुछ दिनों से सांस संबंधी परेशानियों के कारण उपचाराधीन थे और सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर उनका निधन हुआ।

जयपुर में जन्मे पांडे ने 1982 में ‘ओगिल्वी इंडिया’ से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में कंपनी के ‘ग्लोबल क्रिएटिव हेड’ के पद तक पहुंचे। उन्होंने अपने विज्ञापनों में स्थानीय भाषा, देसी अंदाज और भावनाओं को जोड़कर भारतीय विज्ञापन जगत में क्रांति ला दी। उनके रचित विज्ञापन अब देश की संस्कृति और लोगों की यादों का हिस्सा बन चुके हैं, जिनमें कैडबरी का ‘कुछ खास है’, एशियन पेंट्स का ‘हर खुशी में रंग लाए’ और फेविकोल का प्रसिद्ध ‘अंडे वाला’ विज्ञापन शामिल हैं।

पांडे को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया और 2024 में उन्हें ‘लंदन इंटरनेशनल अवार्ड्स’ का ‘लेजेंड अवॉर्ड’ मिला। वह 2004 में कान्स लायंस जूरी के अध्यक्ष बनने वाले पहले एशियाई भी थे। इसके अलावा, उन्होंने रणजी ट्रॉफी में राजस्थान क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व भी किया था।

पांडे की बहन और गायिका इला अरुण ने बताया कि वह परिवार में सबसे शरारती और मजाकिया थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल ने शोक व्यक्त किया। मोदी ने ट्वीट किया कि पांडे की रचनात्मक प्रतिभा और योगदान हमेशा याद रहेंगे। सीतारमण ने उन्हें विज्ञापन जगत की “महान और दिग्गज शख्सियत” बताया, जबकि गोयल ने उनकी असाधारण रचनात्मकता की सराहना की।

उद्योगपति गौतम अदाणी और आनंद महिंद्रा ने भी पांडे को उनकी पेशेवर क्षमता और जीवन शैली के लिए याद किया। बैंकिंग जगत में भी उन्होंने अपनी रचनात्मक छाप छोड़ी; उदय कोटक ने बताया कि 2003 में कोटक महिंद्रा बैंक का पहला विज्ञापन पांडे ने ही तैयार किया था।

पांडे हाल के वर्षों में ओगिल्वी से सलाहकार के रूप में जुड़े हुए थे और उन्होंने सक्रिय भूमिका से कुछ समय का विराम लिया था। उनका अंतिम संस्कार शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे शिवाजी पार्क श्मशान में किया जाएगा।

पीयूष पांडे भारतीय विज्ञापन और संस्कृति में एक अमिट छाप छोड़ गए, और उनके बनाए हुए स्लोगन और विज्ञापन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।