हैदराबाद
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) के यूजीसी-मलवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (UGC-MMTTC) में आज से पाँच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम NIESBUD (राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान), जो कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख संस्था है, द्वारा नीति आयोग के सहयोग से स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 29 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक चलेगा और इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय के 15 चयनित प्राध्यापकों को इस प्रकार प्रशिक्षित करना है कि वे छात्राओं विशेषकर महिला उद्यमियों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देने में समर्थ बन सकें।
प्रारंभिक सत्र में MANUU के कुलसचिव प्रो. इश्तियाक़ अहमद, शिक्षा एवं प्रशिक्षण संकाय की अधिष्ठाता प्रो. एम. वनेजा, UGC-MMTTC की निदेशक प्रो. सनीम फातिमा, और उपनिदेशक डॉ. मेराज अहमद मुबारकी उपस्थित रहे। इस अवसर पर NIESBUD की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. यामिनी जायसवाल ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन दिया।
डॉ. यामिनी जायसवाल ने स्वावलंबिनी पहल की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम उच्च शिक्षण संस्थानों को नवाचार और उद्यमिता के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। उन्होंने अन्य संस्थानों की सफल कहानियाँ साझा करते हुए MANUU के शिक्षकों को सक्रिय भूमिका निभाने और आगामी महिला उद्यमियों का मार्गदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।
प्रो. इश्तियाक़ अहमद ने अपने संबोधन में कहा, “आज के ज्ञान-आधारित युग में उद्यमिता की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है। शिक्षकों को सशक्त बनाना उद्यमशीलता आधारित एक समावेशी और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हम केवल व्यक्तियों को नहीं प्रशिक्षित कर रहे, बल्कि ऐसे मार्गदर्शक और नेता तैयार कर रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि MANUU को इस राष्ट्रीय पहल का हिस्सा बनकर गर्व है और विश्वविद्यालय महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों को ज्ञान, परामर्श और संस्थागत सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रो. एम. वनेजा ने कार्यक्रम की समावेशी दृष्टिकोण और शिक्षा क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर केंद्रित पहल की सराहना की। वहीं, प्रो. सनीम फातिमा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उद्देश्यों के अनुरूप इस तरह के परिवर्तनकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस FDP के दौरान प्रतिभागियों को उद्यमशील मानसिकता विकास, व्यापार मॉडल निर्माण, फंडिंग के अवसर, इन्क्यूबेशन और मेंटरिंग तकनीक, तथा उच्च शिक्षण संस्थानों की स्टार्टअप इकोसिस्टम में भूमिका जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह पहल न केवल महिला उद्यमिता को बढ़ावा देगी, बल्कि शिक्षकों को उद्यमिता के प्रेरक और उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।