जामिया G20 : "ग्लोबल पावर ट्रांजिशन एंड इवॉल्विंग रीजनल आर्किटेक्चर: इंडिया एंड द गल्फ रीजन" पर लेक्चर का आयोजन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 14-03-2023
जामिया G20 :
जामिया G20 : "ग्लोबल पावर ट्रांजिशन एंड इवॉल्विंग रीजनल आर्किटेक्चर: इंडिया एंड द गल्फ रीजन" पर लेक्चर का आयोजन

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (IACC), जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने G20 लेक्चर सीरीज का तीसरा व्याख्यान "ग्लोबल पावर ट्रांजिशन एंड इवॉल्विंग रीजनल आर्किटेक्चर: इंडिया एंड द गल्फ रीजन" शीर्षक से आयोजित किया. यह व्याख्यान प्रो-वाइस चांसलर, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इंडिया अरब कल्चरल सेंटर के कॉन्फ्रेंस हॉल में दिया गया.
 
प्रो. नासिर रजा खान, मानद निदेशक और जी-20 व्याख्यान श्रृंखला के संयोजक ने छात्रों के साथ कार्यक्रम में भाग लेने वाले विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और केंद्रों के प्रतिष्ठित वक्ता और संकाय सदस्यों का अभिनंदन किया. प्रो. खान ने वार्ता के महत्व और प्रासंगिकता को रेखांकित किया और जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर को इस कार्यक्रम के आयोजन में उनके अविश्वसनीय समर्थन और प्रेरणा के लिए धन्यवाद दिया.
 
प्रोफेसर गुलरेज़ ने वैश्विक परिदृश्य में वर्तमान भारतीय नेतृत्व की गतिशीलता और विशेष रूप से विश्व व्यवस्था के गैप को पाटने में प्रधानमंत्री की मजबूत भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस दौर की अंतर्राष्ट्रीय विश्व व्यवस्था पर भी प्रकाश डाला.
 
दुनिया ने एक बहुध्रुवीय व्यवस्था के बाद एक बाईपोलर व्यवस्था देखी, जहां बहुपक्षीय संस्थानों को विश्व शांति में योगदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गईं, लेकिन वे संस्थान और विश्व शक्तियां हाल के दिनों में जांच के घेरे में हैं.
 
 उन्होंने जोर देकर कहा कि इस संदर्भ में भारत के पास खुद को मुखर करने का अवसर है और जी20 मंच इसके लिए बहुत सही जगह है.अरब दुनिया के संदर्भ में, भारत के पास G20 शिखर सम्मेलन के अतिथि देशों के रूप में मिस्र, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात हैं जो अरब पड़ोसी राज्यों के प्रति अपनी चिंता को दर्शाता है.
 
भारत व्यापार, अर्थव्यवस्था और डायस्पोरा के क्षेत्र में अरब राज्यों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करता है जो उनके पड़ोसी संबंधों को समृद्ध करता है. इसलिए जी-20 के मंच पर भारत न केवल अरब देशों को बल्कि समूचे वैश्विक दक्षिण को अपने पक्ष में लेकर उन लोगों की आवाज बनने पर ध्यान केंद्रित करता है जिनकी चिंता को विश्व शक्तियां पहले दूर नहीं कर पाती थीं.
 
प्रो. गुलरेज़ ने आगे कहा कि भारत वैश्विक शांति प्राप्त करने की संभावनाओं को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आज वैश्वीकृत दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए जी20 के माध्यम से बहुत कोशिश कर रहा है.
 
व्याख्यान के बाद एक बहुत ही ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ. कार्यक्रम का समापन डॉ. आफताब अहमद, असिस्टेंट प्रोफेसर, आईएसीसी, जामिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.