सावन की शिवरात्रि कब है? जानें कैसे करें भोले बाबा को प्रसन्न

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-08-2024
  Bhole Baba
Bhole Baba

 

नई दिल्ली. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि या मास शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. सावन मास की शिवरात्रि का महत्व खास होता है. इस बार तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है. 2 अगस्त या फिर 3 अगस्त किस दिन करें भोले बाबा का जलाभिषेक, आइए जानते हैं.

श्रावण माह में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. इस दिन देश भर के शिव मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे शुरू होगी और अगले दिन, 3 अगस्त को दोपहर 3:50 बजे समाप्त होगी इसलिए सावन शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा.

सावन शिवरात्रि हर साल मनाई जाने वाली बारह शिवरात्रियों में से एक है. सावन के महीने में पड़ने वाली यह शिवरात्रि भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है. पूजा कि विधि भी महत्वपूर्ण होती है. शास्त्रों के मुताबिक इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना श्रेयस्कर होता है.

स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए. व्रत का संकल्प लें. अगर मंदिर न जा पाएं तो घर में जहां ही एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति रखें. भगवान शिव को कच्चे दूध, दही, गंगाजल और जल से स्नान कराएं और बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाएं. शुद्ध घी का दीपक जलाएं, आरती करें और शिव मंत्रों का जाप करें. शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी है. अंत में प्रसाद के रूप में खीर, फल और हलवा चढ़ाएं और लोगों में बांटें.

कहा जाता है कि भोले बाबा की मनोयोग से की गई पूजा का लाभ मिलता है. दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और अविवाहित युवक या युवती के विवाह का संयोग बनता है. 

 

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