रेहान अहमद कैसे बने भारतीय फुटबॉल के भविष्य के सितारे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-08-2024
  Rehan Ahmed
Rehan Ahmed

 

मुकुट शर्मा/गुवाहाटी

एक दिन एक छोटा बच्चा अपने पिता के साथ फुटबॉल कोच अनिल आचार्य के पास पहुंचता है. वह केवल 4 वर्ष का था. उनके पिता, सिराजुद्दीन अहमद ने बच्चे में दुर्लभ प्रतिभा देखी और उसे आचार्य के पास ले गए, जो शिवसागर के पियाली फुकन स्टेडियम में एक फुटबॉल प्रशिक्षण अकादमी चलाते हैं.

यह 2014 का वाकया था. तब कोच आचार्य ने सिराजुद्दीन अहमद को सलाह दी कि उनका बेटा अकादमी में फुटबॉल सिखाने के लिए पर्याप्त उम्र का नहीं है और उसे एक और साल बड़ा करने की जरूरत है.

अनुभवी कोच की सलाह के बाद, सिराजुद्दीन अहमद एक साल बाद प्रतिभाशाली बच्चे को प्रशिक्षण अकादमी में वापस ले गए. जो बच्चा पांच साल की उम्र में अपने पिता का हाथ पकड़कर फुटबॉल सीखने आया था, वह अब भारतीय फुटबॉल का भविष्य है. उसका नाम रेहान अहमद है.

रेहान अहमद सुब्रत कप खेलेंगे

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने रेहान अहमद को भविष्य के चमकते सितारे के रूप में पहचाना है. भुवनेश्वर में एआईएफएफ-फीफा टैलेंट अकादमी ने असम के प्रतिभाशाली स्ट्राइकर का चयन किया है. 14 वर्षीय रेहान को देश के 20 दुर्लभ प्रतिभाशाली फुटबॉलरों की सूची में असम से एकमात्र खिलाड़ी के रूप में चुना गया है. 20 खिलाड़ियों को 2027 फीफा अंडर-17 विश्व कप के लिए तैयार किया जाएगा.

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कोच अनिल आचार्य ने आवाज-द वॉयस से कहा, ‘‘जब मैंने शिवसागर के पियोली फुकन स्टेडियम में रेहान को कोचिंग देना शुरू किया, तो मैंने उसमें कुछ विशेष प्रतिभा देखी. साथ ही, वह बहुत जीवंत और उद्यमशील था. तब वह पांच साल की उम्र में एक दिन अपने पिता का हाथ पकड़कर मेरी अकादमी में आया था. उसे अपने बाएं पैर से खेलते हुए काफी समय हो गया है. मुझे यकीन है कि वह एक दिन भारतीय फुटबॉल टीम के लिए खेलेगा.’’

अनिल आचार्य से फुटबॉल की पहली शिक्षा लेने वाले रेहान अहमद ने 2023 पिलिक चौधरी इंटर-स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट में शानदार खेलकर फुटबॉल समुदाय का ध्यान आकर्षित किया. मोरीगांव के खिलाफ सेमीफाइनल में उनके बाएं हाथ की साइकिल किक ने असम और देश भर के फुटबॉल प्रशंसकों के बीच हलचल मचा दी.

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बचपन में कोच आचार्य के साथ रेहान अहमद


सिराजुद्दीन अहमद ने आवाज-द वॉयस को बताया, ‘‘पिलिक चौधरी इंटर-स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट में प्रभावित करने के बाद, रेहान को सुब्रत कप नेशनल स्कूल टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला. उन्होंने बैंगलोर में टूर्नामेंट में भी अच्छा खेला और कोचों का दिल जीत लिया. उन्हें जून 2024 में मैन कैंप के लिए चुना गया था. इस कैंप से रेहान ने आखिरकार भारतीय अंडर-17 टीम के संभावित खिलाड़ी के रूप में सूची में शीर्ष पर जगह बना ली है.’’

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सिराजुद्दीन अहमद ने कहा कि 14 वर्षीय रेहान की सफलता के पीछे उनके कोच अनिल आचार्य और मां आरिफ अहमद का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा, ‘‘जब वह आचार्य सर की देखरेख में फुटबॉल कौशल सीख रहा था, महामारी ने रेहान के प्रशिक्षण को बाधित कर दिया.

हमें डर था कि इसका उसके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इससे रेहान के प्रशिक्षण में कोई बाधा नहीं आई और वह स्कूल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हो गया. प्रतियोगिताओं में कोच अनिल आचार्य का योगदान हम कभी नहीं भूलेंगे.’’

कोच अनिल आचार्य

नॉर्थ ईस्ट और जम्मू-कश्मीर के कुल 20 खिलाड़ियों को फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और फीफा टैलेंट एकेडमी के लिए चुना गया है. रेहान अहमद असम के एकमात्र खिलाड़ी हैं. रेहान के पिता ने कहा कि वह शुक्रवार को भुवनेश्वर में फीफा टैलेंट अकादमी में पहुंचे.

अकादमी के लिए मणिपुर से 12, मिजोरम से छह और जम्मू-कश्मीर तथा असम से एक-एक खिलाड़ी का चयन किया गया है. देश की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल अकादमियों में से एक में लगभग 3 वर्षों के कौशल के बाद, हमें उम्मीद है कि शिवसागर के रेहान अहमद एक दिन भारतीय फुटबॉल के चमकते सितारे के रूप में चमकेंगे.