Rating agency ICRA makes a big disclosure, Indian companies are expected to grow steadily in the June quarter
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मजबूत घरेलू मांग के दम पर भारतीय उद्योग जगत की राजस्व वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में स्थिर रहने की उम्मीद है. हालांकि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव का मांग पर असर रहने की आशंका है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई.
इक्रा ने एक बयान में कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों में क्रमिक सुधार के बाद अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में भारतीय कंपनियों का परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 18.2 से 18.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में रेपो दर में हुई कुल एक प्रतिशत की कटौती के कारण ब्याज लागत में कमी आने से भारतीय उद्योगों के लिए ब्याज कवरेज अनुपात में सुधार होगा.
इक्रा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष किंजल शाह ने कहा, "अनिश्चित वैश्विक माहौल को देखते हुए हमें उम्मीद है कि निजी पूंजीगत व्यय सोच-समझकर ही किया जाएगा. हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और वाहन खंड में इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे कुछ खास क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि जारी रहेगी." शाह ने कहा कि रेल और रक्षा क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों को भी जून तिमाही में अपने बड़े ऑर्डर से राजस्व और आय होगी.
इक्रा ने कहा, "भारतीय कंपनी जगत को जुझारू घरेलू मांग के समर्थन से वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में स्थिर राजस्व वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है.इस दौरान ग्रामीण मांग बढ़िया रहने की उम्मीद है जबकि शहरी मांग आयकर राहत और खाद्य मुद्रास्फीति में कमी के समर्थन से ठीक होने के लिए तैयार है. इसके बावजूद मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव मांग की धारणा को प्रभावित करना जारी रखे हुए हैं. खासकर कृषि-रसायन, कपड़ा, वाहन एवं वाहन कलपुर्जा, कटे और पॉलिश किए गए हीरे और आईटी सेवाओं जैसे निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों पर इसका असर पड़ सकता है.