अपने होम लोन की ब्याज दर कैसे कम करें: आसान और प्रभावी उपाय

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-06-2025
How to reduce your home loan interest rate: Easy and effective solutions
How to reduce your home loan interest rate: Easy and effective solutions

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए अक्सर होम लोन का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि, लोन की ईएमआई (EMI) चुकाते समय सबसे बड़ा हिस्सा ब्याज का होता है, जो लंबे समय में एक बड़ी राशि बन जाता है. अगर होम लोन की ब्याज दर में थोड़ी सी भी कमी आ जाए, तो लाखों रुपये की बचत संभव हो सकती है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप किस तरह से अपने होम लोन की ब्याज दर कम कर सकते हैं और लोन को समय से पहले खत्म कर सकते हैं.
 
होम लोन बैलेंस ट्रांसफर करें

अगर किसी अन्य बैंक या वित्तीय संस्था से आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने का ऑफर मिल रहा है, तो बैलेंस ट्रांसफर एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
 
अपने मौजूदा लोन की ब्याज दर और बकाया राशि की तुलना नए ऋणदाता के ऑफर से करें.
 
ट्रांसफर शुल्क, प्रोसेसिंग फीस और अन्य लागतों को ध्यान में रखें.
 
यह विकल्प तभी फायदेमंद होता है जब लोन की बची हुई अवधि लंबी हो.
 
नियमित पूर्व भुगतान करें (Prepayment)

होम लोन की EMI में ब्याज की राशि मूलधन पर आधारित होती है.जब आप समय-समय पर अतिरिक्त भुगतान करते हैं, तो आपका मूलधन घटता है और इससे ब्याज भी कम हो जाता है. 
 
बोनस, टैक्स रिफंड या सेविंग्स का उपयोग करके आंशिक पूर्व भुगतान करें.
 
अपने बैंक से पूछें कि क्या कोई प्रीपेमेंट चार्ज है या नहीं.
 
कम अवधि का लोन चुनें
 
लंबी अवधि के लोन में भले ही EMI कम हो, लेकिन कुल ब्याज भुगतान अधिक होता है.
 
छोटी अवधि वाले लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर कम होती हैं.
 
अगर आपकी इनकम स्थिर है और आप ज्यादा EMI चुका सकते हैं, तो यह विकल्प फायदेमंद है.
 
क्रेडिट स्कोर सुधारें

आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL स्कोर) जितना अच्छा होगा, उतनी ही बेहतर शर्तों पर आपको लोन मिलेगा.
 
समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करें.
 
बिना आवश्यकता के एक साथ कई लोन या कार्ड के लिए आवेदन न करें.
 
नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें और उसमें कोई त्रुटि हो तो उसे सुधारें.
 
750 या उससे ऊपर का स्कोर आपको बेहतर ब्याज दर पर लोन दिला सकता है.
 
अपने ऋणदाता से रेट रिविजन की मांग करें

अगर आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, तो भी जरूरी नहीं कि बैंक स्वतः आपकी ब्याज दर को कम करे.
 
बैंक से संपर्क करें और मौजूदा रेपो दर के अनुरूप ब्याज दर को कम करने की मांग करें.
 
अगर बैंक रेट रिविजन के लिए रूपांतरण शुल्क लेता है, तो उसे चुकाकर भी आप लाभ पा सकते हैं.
 
ब्याज दर के रुझानों पर नज़र रखें

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की रेपो दर में बदलाव से होम लोन की दरें प्रभावित होती हैं.
 
समय-समय पर वित्तीय समाचार पढ़ें और रेपो रेट की जानकारी रखें.
 
अपने लोन अकाउंट का स्टेटमेंट जांचते रहें कि क्या दर में बदलाव हुआ है या नहीं.
 
रुझान के अनुसार बैलेंस ट्रांसफर या प्रीपेमेंट का फैसला लें.
 
जरूरी बातें जो ध्यान में रखें

कोई भी बदलाव करने से पहले उससे जुड़ी कॉस्ट (फीस, शुल्क) को जानें. लोन की शर्तों और नियमों की अच्छी तरह जांच करें. किसी भी निर्णय से पहले EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें ताकि आप जान सकें कि इससे आपकी मासिक योजना पर क्या असर पड़ेगा. अपने होम लोन की ब्याज दर को कम करना मुश्किल नहीं है, बस इसके लिए थोड़ी योजना और जागरूकता की ज़रूरत है. बैलेंस ट्रांसफर, समय-समय पर प्रीपेमेंट, EMI की समझदारी से योजना और क्रेडिट स्कोर को सुधारना – ये सभी तरीके आपको लाखों रुपये की बचत करा सकते हैं. एक जिम्मेदार और अनुशासित वित्तीय रणनीति अपनाकर आप अपने होम लोन का बोझ कम कर सकते हैं और जल्दी घर के मालिक भी बन सकते हैं.
 
Disclaimer : यह लेख VMPL द्वारा प्रकाशित प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित है. इसमें दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और मार्गदर्शन हेतु है. कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें.