India planted trees on 1.78 lakh hectares of land under CAMPA in 2019-2023: Report
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने 2019-20 और 2023-24 के बीच 1,78,261 हेक्टेयर भूमि पर प्रतिपूरक वनीकरण किया, जो कुल लक्ष्य का 85 प्रतिशत है.
प्रतिपूरक वनीकरण एक वैधानिक प्रक्रिया है जिसमें जब किसी परियोजना के लिए वन भूमि का किसी और उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है (जैसे सड़क, बांध, खनन, उद्योग आदि), तो उस नुकसान की भरपाई के लिए परियोजना एजेंसी को उतनी ही भूमि पर पेड़ लगाने पड़ते हैं.
वर्ष 2019-20 और 2023-24 के बीच 2,09,297 हेक्टेयर भूमि पर प्रतिपूरक वनीकरण का लक्ष्य तय किया गया है.
इस महीने की शुरुआत में दाखिल की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों में प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) की निधि के उपयोग में काफी भिन्नता है.
रिपोर्ट के अनुसार, कुछ राज्यों जैसे गुजरात, चंडीगढ़, मिजोरम और मध्य प्रदेश ने अपने लक्ष्य को पूरी तरह हासिल कर लिया.
वहीं, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में प्रदर्शन काफी खराब रहा है.
रिपोर्ट में इस दौरान सीएएमपीए निधि के उपयोग की भी समीक्षा की गयी है.
राष्ट्रीय सीएएमपीए ने 2019-20 और 2023-24 के बीच राज्य वार्षिक योजनाओं के लिए 38,516 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी.
राज्यों ने अपने वन विभागों को 29,311 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिनमें से 26,001 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर लिया गया है. इसका मतलब है कि स्वीकृत व्यय का 67.5 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च किया गया है.