4 chip manufacturing units, 3 supercomputers this year to boost India’s global tech position
नई दिल्ली
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2024 में वैश्विक तकनीकी मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई अन्य पहलों के अलावा चार नई सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयाँ और तीन ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर स्थापित किए जाएँगे.
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) के भारत में 91,526 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर फैब सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को फरवरी 2024 में मंजूरी दी गई थी.
पीएसएमसी, ताइवान के साथ प्रौद्योगिकी साझेदारी में फैब सुविधा स्थापित की जाएगी. परियोजना की उत्पादन क्षमता लगभग 50,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह (डब्ल्यूएसपीएम) होगी.
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) के भारत में 27,120 करोड़ रुपये के निवेश से ओएसएटी सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को भी उसी महीने मंजूरी दी गई थी. यह सुविधा प्रतिदिन 48 मिलियन की उत्पादन क्षमता के साथ स्वदेशी सेमीकंडक्टर पैकेजिंग तकनीकों का उपयोग करेगी.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड के भारत में 7,584 करोड़ रुपये के निवेश से ओएसएटी सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को भी फरवरी 2024 में मंजूरी दी गई थी.
यह सुविधा रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका, यूएस और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, थाईलैंड के साथ संयुक्त उद्यम साझेदारी के रूप में स्थापित की जाएगी.
इस सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, थाईलैंड द्वारा प्रदान की जाएगी. उत्पादन क्षमता लगभग 15.07 मिलियन यूनिट प्रतिदिन होगी.
वायर बॉन्ड इंटरकनेक्ट, सब्सट्रेट आधारित पैकेज के लिए गुजरात के साणंद में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) सुविधा स्थापित करने के लिए केनेस टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड (केटीआईएल) के प्रस्ताव को सितंबर में मंजूरी दी गई थी.
यह सुविधा 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी. इस सुविधा में प्रतिदिन 6.33 मिलियन से अधिक चिप्स का उत्पादन करने की क्षमता होगी.
26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए.
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत विकसित ये सुपरकंप्यूटर नई दिल्ली में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) (3 पेटाफ्लॉप), पुणे में नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA) में जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) (1 पेटाफ्लॉप) और कोलकाता में एस.एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज (838 टेराफ्लॉप) में स्थापित किए गए हैं.
ये सुपरकंप्यूटर भारत में युवा वैज्ञानिकों की शोध क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे, जिससे भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में उन्नत अध्ययन की सुविधा मिलेगी. ये सुपरकंप्यूटर देश भर के 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और R&D प्रयोगशालाओं के 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वानों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं की सुविधा प्रदान करते हैं.
सरकार के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट और सेमीकंडक्टर के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (SPECS) के तहत नौ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनसे 15,710 लॉब उत्पन्न होने की उम्मीद है. साथ ही, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) के तहत 6.39 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो 6 करोड़ के लक्ष्य से अधिक है.