भारत के टॉप सात शहरों की प्रमुख माइक्रो मार्केट में कैपिटल वैल्यू 128 प्रतिशत तक बढ़ी: रिपोर्ट

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-03-2025
Capital value increased by 128 per cent in key micro markets of top seven cities of India: Report
Capital value increased by 128 per cent in key micro markets of top seven cities of India: Report

 

मुंबई. टॉप सात शहरों के प्रमुख माइक्रो मार्केट में 2021 के आखिर से 2024 के बीच कैपिटल वैल्यू 128 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि रेंटल वैल्यू में धीमी गति से वृद्धि हुई है. सोमवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

एनारोक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख सात शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र, कोलकाता और चेन्नई में से नोएडा के सेक्टर 150 में सबसे अधिक पूंजी का निवेश किया गया, जिससे इस अवधि में संपत्ति का मूल्य 128 प्रतिशत तक बढ़ा.

हालांकि, इस क्षेत्र में स्टैंडर्ड 1,000 वर्ग फीट (वर्ग फीट) 2बीएचके के लिए किराये के मूल्यों में केवल 66 प्रतिशत की ही वृद्धि दर्ज की गई.

हैदराबाद, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) जैसे प्रमुख शहरों में भी इसी तरह के रुझान देखे गए, जहां संपत्ति की कीमत, किराये के मूल्यों के मुकाबले अधिक वृद्धि देखी गई.

उदाहरण के लिए, मुंबई के चेंबूर में, कैपिटल वैल्यूज में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि किराये में वृद्धि 42 प्रतिशत रही.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुलुंड में, किराये के मूल्यों में केवल 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कैपिटल वैल्यूज में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

हैदराबाद के हाईटेक सिटी और गचीबावली में भी यही पैटर्न रहा, जहां कैपिटल वैल्यूज में क्रमशः 62 प्रतिशत और 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि किराये में 54 प्रतिशत और 62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

बेंगलुरु के रियल एस्टेट बाजार में मिश्रित रुझान देखने को मिले.

थानिसांद्रा मेन रोड में कैपिटल वैल्यूज में 67 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि किराये में वृद्धि 62 प्रतिशत पर थोड़ी कम रही.

हालांकि, सरजापुर रोड में, कैपिटल वैल्यूज में 63 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में किराये के मूल्यों में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, "जो लोग लंबी अवधि में पूंजी में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, वे उच्च वृद्धि वाले बाजारों को टारगेट कर सकते हैं, जबकि किराये पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेशकों को उन इलाकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां किराए में लगातार वृद्धि हो रही है."

उन्होंने कहा कि घर खरीदने वालों के लिए, यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि हर स्थान पर 'खरीदना' या 'किराए पर लेना' वित्तीय रूप से समझदारी भरा है या नहीं, इसके लिए संपत्ति की कीमतों के रुझान को किराये की वृद्धि के साथ चेक किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया कि दिलचस्प बात यह है कि पुणे, कोलकाता और चेन्नई के कुछ माइक्रो-मार्केट में उलट ट्रेंड देखा गया, जहां किराये की तुलना में कैपिटल वैल्यूज ज्यादा आंकी गई.

पुणे के हिंजेवाड़ी में किराये की दरों में 57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि कैपिटल वैल्यूज में केवल 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

कोलकाता के ईएम बाईपास में, किराये के मूल्यों में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कैपिटल वैल्यूज में मामूली 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

चेन्नई के पल्लवरम में भी ऐसा ही पैटर्न रहा, जहां संपत्ति की कीमतों में 21 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले किराये के मूल्यों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई.