आवाज द वाॅयस/अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शिक्षा विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर, डॉ. नखत नसरीन (Prof Nakhat Nasreen) को विभाग की नई अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह 16 अप्रैल, 2025 से अपने पद का कार्यभार संभालेंगी और तीन वर्षों तक इस जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगी। प्रो. नसरीन की नियुक्ति को शैक्षणिक समुदाय में एक सशक्त और अनुभवी नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा है.
तीन दशकों से अधिक के समृद्ध शैक्षणिक और शोध अनुभव के साथ, प्रोफेसर नखत नसरीन बीते 34 वर्षों से एएमयू से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षण, शोध और प्रशासनिक विकास में निरंतर सक्रिय भूमिका निभाई है.
पर्यावरण शिक्षा, शैक्षिक प्रौद्योगिकी और शिक्षक शिक्षा उनके प्रमुख शोध क्षेत्र हैं. उनके योगदान को देश-विदेश में मान्यता मिली है, और उन्होंने अकादमिक जगत में एक मजबूत उपस्थिति स्थापित की है.
प्रो. नसरीन ने अब तक चार पुस्तकें लिखी हैं और 40 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं. इनमें इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइकोलॉजी एंड बिहेवियरल साइंसेज, आईईईई, एसीएम, यूरोपियन एकेडमिक रिसर्च, ज्ञानोदय और यूनिवर्सल जर्नल ऑफ एजुकेशन एंड जनरल स्टडीज जैसी प्रमुख पत्रिकाएं शामिल हैं.
उनका अकादमिक शोध डिजिटल शिक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता, शिक्षा में जीवन की गुणवत्ता और लिंग अध्ययन जैसे विषयों को केंद्र में रखता है.शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने के साथ ही, उन्होंने अब तक 15 पीएचडी शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है .
कई एम.एड. शोध प्रबंधों की निगरानी भी की है. वह स्वयं मंच के अंतर्गत MOOCs पाठ्यक्रमों के विकास में भी शामिल रही हैं, जो डिजिटल शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
प्रोफेसर नसरीन ने भारत सहित जापान, स्पेन, इटली और चीन जैसे देशों में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों और सम्मेलनों में हिस्सा लिया है, जहां उन्होंने व्याख्यान दिए और विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की. उनका वैश्विक दृष्टिकोण शिक्षा के क्षेत्र में एएमयू को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा.
प्रशासनिक स्तर पर भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया है. वह बीबी फातिमा हॉल की प्रोवोस्ट (2012-2015) रह चुकी हैं, साथ ही उन्होंने अब्दुल्ला हॉल और आईजी हॉल में वार्डन के रूप में भी सेवाएं दी हैं.
इसके अतिरिक्त वह बी.एड. कार्यक्रम की समन्वयक भी रही हैं. वह विभिन्न शैक्षणिक समीक्षा बोर्डों और संपादकीय समितियों की सदस्य भी हैं.प्रो. नसरीन की यह नियुक्ति शिक्षा विभाग के लिए एक नई ऊर्जा और दिशा लेकर आने की संभावना रखती है. उनके अनुभव और दूरदर्शिता से विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.