आवाज द वाॅयस/अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (आरसीए) द्वारा सिविल सेवा और अन्य प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में हाल ही में सफल हुए विद्यार्थियों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आरसीए की महत्वाकांक्षी पहल ‘सुपर 30 प्रोग्राम (2025)’ का भी औपचारिक शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य एएमयू के प्रतिभाशाली स्नातक छात्रों को प्रारंभिक चरण में ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का अवसर प्रदान करना है.
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नाइमा खातून ने आरसीए के होनहार विद्यार्थियों — शकील अहमद (आईपीएस-2025), साहाना परवीन (यूकेपीएससी), और विशाल भूषण (यूपीएससी-CAPF) — को सम्मानित किया. इन सफल अभ्यर्थियों ने छात्रों के साथ अपनी तैयारी की रणनीतियों और अनुभवों को साझा किया, जिससे उपस्थित छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली.
कुलपति प्रो. नाइमा खातून ने अपने संबोधन में आरसीए की सतत और सक्रिय भूमिका की सराहना की और ‘सुपर 30’ पहल को सिविल सेवा की प्रारंभिक तैयारी के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया. उन्होंने छात्रों को लगन और आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संदेश दिया.
आरसीए के निदेशक प्रोफेसर मोहम्मद हसन ने स्वागत भाषण देते हुए ‘सुपर 30’ कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने विश्वविद्यालय में एक जीवंत सिविल सेवा माहौल विकसित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और घोषणा की कि इस पहल के तहत नवंबर 2025 में एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से 30 छात्रों का चयन किया जाएगा.
चयनित छात्रों को आरसीए की व्यापक कोचिंग सुविधाओं का लाभ मिलेगा.इस पूरे कार्यक्रम का संचालन आरसीए के सह-निदेशक डॉ. अली इमरान ने किया, जबकि डॉ. मोहम्मद फिरोज अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और बीते पांच वर्षों में आरसीए द्वारा अर्जित सफलताओं की जानकारी साझा की.
यह कार्यक्रम न केवल आरसीए की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि एएमयू के छात्र समुदाय को सिविल सेवा में उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करने का एक सशक्त प्रयास भी.