एएमयू में छात्रों ने उड़ाया आत्मनिर्भर भारत का सपना, बनाया इन्नोवेटिव डिलीवरी ड्रोन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-07-2025
AMU students flew the dream of self-reliant India, created an innovative delivery drone file photo
AMU students flew the dream of self-reliant India, created an innovative delivery drone file photo

 

आवाज द वाॅयस /अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संकाय के अंतर्गत यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष के छात्रों ने एक क्रांतिकारी डिलीवरी ड्रोन प्रोटोटाइप विकसित कर शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने का उदाहरण पेश किया है.

sयह पहल न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि एएमयू में शिक्षा अब पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़कर व्यवहारिक और भविष्य-उन्मुख कौशल पर केंद्रित हो गई है.

पूर्व प्राचार्य प्रो. अर्शद उमर और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तनवीर हसन के मार्गदर्शन में छात्र टीम—सौबान अहमद सिद्दीकी, एहतेशाम अहमद, शबाब खान, अंकित तोमर, अनस खान, मुजफ्फर हुसैन और ओमान अहमद अंसारी—ने दो महीनों की मेहनत के बाद विश्वविद्यालय परिसर के भीतर छह सफल ऑटोनॉमस डिलीवरी मिशन पूरे किए.

इस अत्याधुनिक ड्रोन में रीयल-टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग, स्वचालित नेविगेशन, जेस्चर-कंट्रोल बैकअप सिस्टम, और एक कस्टम डैशबोर्ड जैसी विशेषताएं मौजूद हैं, जो उड़ान के डाटा और डिलीवरी पथ की निगरानी करती हैं.

यह प्रोजेक्ट स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एएमयू में छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल इनोवेशन के लिए भी समान रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है.

डिलीवरी ड्रोन की यह पहल न केवल शैक्षणिक प्रयोग का हिस्सा है, बल्कि यह स्मार्ट कैंपस सॉल्यूशंस, आपातकालीन सेवाओं, और रियल-वर्ल्ड लॉजिस्टिक्स में भी संभावनाओं के नए द्वार खोलती है.

एएमयू का यह दृष्टिकोण देश में छात्र-केंद्रित नवाचार और उभरती हुई तकनीकों में अनुप्रयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रेरक कदम है.

टीम का अगला लक्ष्य इस ड्रोन को और अधिक उन्नत बनाना है—इसमें एआई आधारित ऑब्जेक्ट डिटेक्शन जोड़ने और इसके ऑपरेशनल रेंज को विस्तार देने की योजना है.

यह प्रयास न केवल छात्रों की तकनीकी दक्षता को दर्शाता है, बल्कि यह एएमयू की उस दूरदर्शिता को भी प्रतिबिंबित करता है जो 21वीं सदी के छात्रों को फ्यूचर-रेडी स्किल्स और इनोवेशन-ड्रिवन लर्निंग के साथ तैयार करने में विश्वास रखती है.

अभिनव सोच, प्रयोगधर्मी शिक्षा और तकनीकी साहस का यह मेल भारतीय उच्च शिक्षा में एक नई उम्मीद की तरह उभरा है—जहाँ विश्वविद्यालय अब केवल ज्ञान के केंद्र नहीं, बल्कि नवाचार के प्रयोगशाला बनते जा रहे हैं.