नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. तौकीर अहमद और डॉ. फरहा नाज़ को नैनोकैटेलिटिक ग्रीन केमिस्ट्री में अभूतपूर्व सफलता के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है। यह नवाचार पी-नाइट्रोबेंजोइक एसिड के उत्पादन के लिए सेरिया नैनोकैटेलिस्ट-आधारित नई विधि प्रस्तुत करता है, जो दवा और रासायनिक उद्योगों में एक महत्वपूर्ण रसायन है।
मुख्य विशेषताएं:
100% रूपांतरण और 99.29% सिलेक्टिविटी
लागत-प्रभावी, स्केलेबल और पर्यावरण-अनुकूल
फार्मास्यूटिकल्स, फोलिक एसिड इंटरमीडियेट्स, डाइज़, पिगमेंट्स और अन्य वेल्यू-एडेड इंडस्ट्रियल केमिकल्स के लिए उपयोगी
वैश्विक महत्व:
यह पेटेंट नैनोटेक्नोलॉजी, कैटलिसिस और ग्रीन इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री का संयोजन है, जो हाइ-वैल्यू केमिकल्स के सुरक्षित और सस्टेनबल उत्पादन रूट्स प्रदान करता है। यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया को एडवांस्ड मेटीरियल्स और ग्रीन सिंथेसिस रिसर्च में अग्रणी बनाता है।
प्रो. तौकीर अहमद की उपलब्धियां:
16 पीएचडी, 236 शोध लेख, 3 पुस्तकें
H-इंडेक्स: 61, i10-इंडेक्स: 199
सीआरएसआई/एमआरएसआई/आईएससीएएस पदक, राष्ट्रीय पुरस्कार और रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के फेलो
आभार और सहयोग:
प्रो. अहमद ने पेटेंट में योगदान देने वाले डॉ. फरहा नाज़, सहयोगियों और अनुसंधान एजेंसियों (ANRF, CSIR) का धन्यवाद किया। उन्होंने JMI के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ और रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी के समर्थन और उत्कृष्ट शोध वातावरण की भी सराहना की।
यह पेटेंट ग्रीन केमिस्ट्री और सस्टेनबल इंडस्ट्रियल केमिकल उत्पादन के क्षेत्र में भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं को नया मुकाम देता है।