जामिया मिलिया के डेंटल फैकल्टी ने 'Gender Sensitization' सत्र का आयोजन किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-10-2025
Dental Faculty of Jamia Millia Islamia organised a session on 'Gender Sensitization'
Dental Faculty of Jamia Millia Islamia organised a session on 'Gender Sensitization'

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

छात्र इंट्रोडक्शन प्रोग्राम-2025 के तहत, 17 अक्टूबर 2025 को शुक्रवार को जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के डेंटल फैकल्टी और आंतरिक शिकायत समिति (ICC) के सहयोग से एक हाइब्रिड मोड में 'लिंग संवेदनशीलता' पर कार्यशाला का आयोजन लाइब्रेरी हॉल में दोपहर 2 से 4 बजे तक किया गया। आंतरिक शिकायत समिति, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा-निर्देशों के तहत महिला कर्मचारियों के प्रति कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और समाधान (POSH) अधिनियम 2013 के तहत कार्य करती है।

कार्यशाला में कुल 181 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें डेंटल फैकल्टी के प्रथम, द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के छात्र, इंटर्न और एक्सटर्न शामिल थे। साथ ही कई फैकल्टी सदस्य और गैर-शिक्षण कर्मचारी भी उपस्थित थे।

डेंटल फैकल्टी की डीन प्रोफेसर केया सरकार और सत्र के मॉडरेटर प्रोफेसर दीप इंदर ने "लिंग संवेदनशीलता - लिंग को समझना" विषय पर कार्यशाला का संचालन किया। इस सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अर्चना दासी (सोशल वर्क विभाग, ICC की अध्यक्ष), प्रोफेसर अमीना सुलतान (डेंटल फैकल्टी) और डॉ. क़ाज़ी फ़ेरदौशी इस्लाम (फैकल्टी ऑफ एजुकेशन) थे। डीन प्रोफेसर केया सरकार ने प्रोफेसर अर्चना दासी और उनकी टीम का पौधा देकर स्वागत किया।

प्रोफेसर अर्चना दासी ने कार्यस्थल पर सभी लिंगों के प्रति पारस्परिक सम्मान और समावेशन पर जोर दिया तथा छात्रों को किसी भी समस्या या घटना की सूचना ICC को देने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रोफेसर अमीना सुलतान ने ‘लिंग संवेदनशील दंत चिकित्सा’ पर चर्चा की, खासकर शिक्षकों, सहपाठियों और मरीजों के साथ काम करते समय। डॉ. क़ाज़ी फ़ेरदौशी इस्लाम ने छात्रों को संस्थागत उपायों, शिकायत निवारण प्रणालियों और दिशा-निर्देशों के बारे में बताया और बताया कि उत्पीड़न की स्थिति में तुरंत ICC को सूचना देना क्यों आवश्यक है। उन्होंने छात्रों की सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी भी दी।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों और फैकल्टी के सवालों के जवाब देने वाला एक बहुत ही इंटरैक्टिव सत्र हुआ। इसके बाद सत्र के मॉडरेटर और कार्यक्रम के सह-समन्वयकों ने प्रोफेसर अर्चना दासी, प्रोफेसर अमीना सुलतान और डॉ. क़ाज़ी फ़ेरदौशी इस्लाम को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यशाला का समापन प्रोफेसर दीप इंदर के धन्यवाद भाषण से हुआ।