इम्तियाज अहमद / गुवाहाटी
मध्य असम के कामरूप जिले के हाजो के मूल निवासी और अमेरिका के कैलिफोर्निया में बसे हिदायत अली ने गुरुवार सुबह माउंट एवरेस्ट फतह कर लिया. उन्होंने यह उपलब्धि
एकोनोगुवा, एल्ब्रस और माउंट किलिमंजारो को फतह करने के बाद हासिल की है. जैसे ही उनके माउंट एवरेस्ट फतह करने की खबर असम पहुंची , बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया. खबर लिखने तक यह क्रम बरकरार था.
अली करीब साढ़े सात बजे नेपाल की ओर से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के शिखर पर पहुंचे. उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक के रूप में शिखर पर चढ़ाई पूरी की.माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) की सफल चढ़ाई के लिए सेवेन समिट ट्रैक्स सागरमाथा (एवरेस्ट) अभियान 2022 की टीम को बधाइयां मिल रही हैं.
टीम ने 5 दिन में यह उपलब्धि हासिल की है. 7 मई को 11 शेरपाओं के साथ अभियान की शुरुआत हुई थी. टीम के इस सफलता के बाद नेपाल की ओर से दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत को फतह करने वाले सीजन के ये पहले पर्वतारोही बन गए हैं. इस बारे में अभियान संचालक सेवन समिट ट्रेक प्राइवेट लिमिटेड ने सोशल मीडिया पर गुरुवार की सुबह यह पोस्ट किया.
अली 11 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अभियान दल का हिस्सा हैं, जिसमें दो अन्य भारतीय जतिन रामसिंह चौधरी और प्रकृति वार्ष्णेय भी शामिल भी हैं. उन्होंने गुरुवार को माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की.
असम पर्वतारोहण संघ (एएमए) के सचिव मानस बरुआ ने आवाज द वॉयस से बातचीत में कहा,‘‘यह निश्चित रूप से असम के लिए गर्व और संतुष्टि का क्षण है. अली अभियान से पहले असम पर्वतारोहण संघ के साथ लगातार संपर्क में थे. वह हम से सलाह लेने के लिए निरंतर संपर्क बनाए हुए थे.
अली ने पहली बार 2019 में एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास किया था. दुर्भाग्य से, उन्हें कोविड -19 संक्रमण के कारण आधार शिविर से लौटना पड़ा था. संघ ने कहा कि हमें खुशी है कि उन्होंने शिखर की चढ़ाई पूरी कर ली. ‘‘
सैनिक स्कूल, गोलपारा से पासआउट और पूर्वी असम के जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग स्नातक, अली संयुक्त राज्य अमेरिका की सिलिकॉन वैली में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उन्होंने अतीत में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकोनोगुवा, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस और अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को भी फतह किया है.
एएमए के मुख्य सलाहकार सत्येन सरमा ने कहा, ‘‘यह निस्संदेह असम के लिए गर्व का क्षण है. हालांकि वह अमेरिकी झंडे के नीचे चढ़े, लेकिन वह असम के हाजो से हैं. अपने कॉलेज के दिनों से सबसे ऊंची चोटी को फतह करना उनका सपना था.‘‘
असम के प्रमुख पर्वतारोहण संस्थान एक्सप्लोरर्स क्लब ने भी इस उपलब्धि के लिए उनकी सराहना की है. इसके कार्यकारी अध्यक्ष प्रणय बोरदोलोई ने कहा, ‘‘गुवाहाटी का एक्सप्लोरर्स क्लब हिदायत अली को सलाम करता है.‘‘