न्यूयॉर्क,
भारतीय मूल के डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट नेता ज़ोहरान मामदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद की डेमोक्रेटिक प्राइमरी में पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराकर बड़ी राजनीतिक हलचल मचा दी है। लेकिन उनकी असली परीक्षा अब शुरू होती है।
मामदानी को अब मौजूदा मेयर एरिक एडम्स, एक रिपब्लिकन उम्मीदवार, और संभवतः कुओमो से भी एक बार फिर जनरल इलेक्शन में टक्कर लेनी है। साथ ही उन्हें उन आलोचकों से भी जूझना होगा जो उन्हें "बहुत ज़्यादा वामपंथी" मानते हैं।
हालांकि मतगणना पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है, लेकिन रैंक्ड चॉइस वोटिंग के तहत मामदानी को एक स्पष्ट बढ़त मिली हुई है जिसे पार करना कुओमो के लिए लगभग असंभव माना जा रहा है। वोटों की अंतिम गिनती 1 जुलाई से शुरू होगी।
यह जीत कई मायनों में अहम मानी जा रही है — एक ओर यह कभी अपराजेय माने जाने वाले पूर्व गवर्नर कुओमो की चौंकाने वाली हार है, वहीं यह संकेत भी देती है कि ट्रंप के हाथों पिछले चुनाव में हार के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी किस दिशा में बढ़ना चाहती है।
अब असली लड़ाई जनरल इलेक्शन में
न्यूयॉर्क सिटी के चुनावों में आमतौर पर डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतने वाला उम्मीदवार ही मेयर बन जाता है, लेकिन यह साल सामान्य नहीं है।
मेयर एरिक एडम्स, जो स्वयं डेमोक्रेट हैं, ने प्राइमरी से हटकर अब स्वतंत्र उम्मीदवार (इंडिपेंडेंट) के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप भले ही खारिज हो गए, लेकिन उससे उनकी छवि को गहरा नुकसान पहुंचा।
अब एडम्स पूरी ताकत से मामदानी के खिलाफ उतरने को तैयार दिख रहे हैं। उन्होंने बयान जारी कर कहा:
"न्यूयॉर्क को एक ऐसा मेयर चाहिए जो अपने काम पर गर्व करे — न कि कोई ऐसा जो उससे भागे या जिसे कोई अनुभव ही न हो। हमें ऐसा नेता चाहिए जो अपराध को रोके, पुलिस का समर्थन करे, यहूदी विरोध के खिलाफ खड़ा हो और कामकाजी लोगों की आवाज़ बने।"
मामदानी का जवाब
मामदानी ने भी एरिक एडम्स को आड़े हाथों लिया और उनके ट्रंप से मधुर संबंधों पर सवाल उठाया। WABC-TV को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:
"हमें बार-बार बताया गया कि ट्रंप से सहयोग करके एडम्स हमारे शहर की सुरक्षा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत में हमें कोई सुरक्षा नजर नहीं आई।"
कुओमो अभी पूरी तरह बाहर नहीं
कुओमो ने भले ही प्राइमरी में हार स्वीकार कर ली हो, लेकिन उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि वह अब भी जनरल इलेक्शन में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतर सकते हैं।
न्यूयॉर्क में थर्ड पार्टी उम्मीदवारों के लिए नियम काफी उदार हैं, जिससे कुओमो और एडम्स दोनों को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का अवसर मिल गया है।
एडम्स ने अपने लिए दो नई राजनीतिक पार्टियां बनाई हैं — "एंड एंटीसेमिटिज्म" और "सेफ एंड अफोर्डेबल", जबकि कुओमो ने "फाइट एंड डिलीवर" नामक पार्टी बनाकर बैकअप तैयार किया है।
कुओमो ने कहा:"मैं सभी आंकड़ों और वोटिंग डेटा का विश्लेषण करूंगा और फिर तय करूंगा कि न्यूयॉर्क सिटी की सेवा का सबसे बेहतर रास्ता क्या हो सकता है।"
कारोबारी वर्ग और रिपब्लिकन से भी मुकाबला
जैसे-जैसे चुनाव करीब आएंगे, मामदानी को शहर के रियल एस्टेट और बिजनेस लॉबी से भी कड़ी आलोचना झेलनी पड़ेगी। उन्होंने अमीरों पर टैक्स बढ़ाने की बात की है, जिससे कई कारोबारी वर्ग नाराज़ हैं और उन्होंने कुओमो के समर्थन में खूब पैसा लगाया था।
रिपब्लिकन खेमे में भी मामदानी को लेकर चिंता दिखने लगी है। रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा, जो गार्डियन एंजेल्स के संस्थापक हैं, ने कहा:"मामदानी इस शहर के लिए बहुत ज़्यादा चरमपंथी हैं। यह समय कट्टरपंथ का नहीं, बल्कि असली नेतृत्व का है।"
मामदानी की राजनीति: जनहित केंद्रित
मामदानी ने अपने चुनाव अभियान में महंगाई घटाने, प्रवासियों के समर्थन, और फिलिस्तीनी अधिकारों की वकालत को प्रमुख मुद्दा बनाया। उन्होंने सरकारी स्वामित्व वाले किराना स्टोर जैसे समाजवादी मॉडल की भी वकालत की।
अगर वे जीतते हैं, तो वे न्यूयॉर्क के इतिहास में सबसे वामपंथी मेयर माने जाएंगे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ज़ोहरान मामदानी अपनी विचारधारा, जन समर्थन और नीतिगत वादों के दम पर एडम्स, कुओमो और रिपब्लिकन को हरा पाएंगे — या फिर राजनीति का यह बड़ा दांव एक और उलटफेर की ओर बढ़ रहा है।