ढाका
बांग्लादेश ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार के सामने 1971 के युद्ध से जुड़े अनसुलझे मुद्दे उठाए, जिनमें युद्ध के लिए पाकिस्तान की ओर से माफ़ी मांगने की बात भी शामिल थी। हालांकि, बांग्लादेश ने साफ़ कहा है कि वह डार की राय से सहमत नहीं है।
ग़ौरतलब है कि डार 2012 के बाद से ढाका आने वाले पाकिस्तान के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। वह शनिवार को दो दिन की यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे, जहाँ उनका उद्देश्य शेख़ हसीना के सत्ता से हटने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाना है।
ढाका में डार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश सलाहकार एम. तौहीद हुसैन से बातचीत की। बातचीत के बाद हुसैन ने कहा,"निश्चित रूप से मैं डार से सहमत नहीं हूं। अगर ऐसा होता, तो समस्याएँ अब तक हल हो चुकी होतीं। हमने अपनी स्थिति रखी और उन्होंने अपनी।"
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में इस विषय पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी।
हुसैन ने बताया कि मुलाकात में 1971 के लिए माफ़ी या खेद व्यक्त करने का मुद्दा, संपत्तियों पर दावा और फंसे हुए पाकिस्तानी नागरिकों का मामला उठाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उम्मीद करना ग़लत होगा कि 54 वर्षों से लंबित समस्याएँ एक ही दिन में सुलझ जाएँगी।
विदेश सलाहकार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,"दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी स्थिति साफ़ तौर पर रखी है।"
उन्होंने बताया कि इस दौरान दोनों देशों के बीच एक समझौता और पाँच समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही, यह सहमति भी बनी कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए इन ऐतिहासिक मुद्दों को बातचीत के ज़रिए सुलझाना ही सबसे सही रास्ता होगा।