न्यूयॉर्क
तुर्की ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के 37 अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। उन पर फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में सैन्य अभियान के दौरान नरसंहार करने का आरोप है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस्तांबुल के लोक अभियोजक कार्यालय ने शुक्रवार को इस गिरफ्तारी वारंट को जारी किया। नेतन्याहू के अलावा, वारंट में इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गिवरे और गृह मंत्री याअल ज़मीर के नाम भी शामिल हैं।
वारंट में आरोप है कि नेतन्याहू और अन्य अधिकारियों ने नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध किए और पिछले साल सितम्बर में गाजा में अंतर्राष्ट्रीय सहायता बेड़े को रोकने का काम किया।
इस वारंट के तुरंत बाद इज़राइल ने इसका कड़ा विरोध किया। इज़राइली विदेश मंत्री गिदोन साद ने इसे तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की "पीआर रणनीति" बताया और कहा कि एर्दोगन न्यायपालिका का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों और असंतुष्ट पत्रकारों, न्यायाधीशों तथा महापौरों को चुप कराने के लिए कर रहे हैं।
गौरतलब है कि तुर्की ने पिछले वर्ष गाजा में कथित नरसंहार को लेकर दक्षिण अफ्रीका द्वारा दायर मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का रुख किया था। इस्तांबुल के उच्च सरकारी अभियोजक द्वारा यह वारंट ऐसे समय में जारी हुआ है जब गाजा में युद्धविराम की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले संगठन हमास ने तुर्की के इस कदम का स्वागत किया। संगठन के नेताओं ने कहा, "यह वारंट एक बार फिर गाजा मुद्दे पर तुर्की की जनता और उनके नेतृत्व की वैचारिक स्थिति की पुष्टि करता है।"