नई दिल्ली
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए फ़्रांस की विशेष दूत, ऐनी बुवेरो, ने ज़ोर देकर कहा है कि भारत और फ़्रांस को मिलकर ऐसे AI के निर्माण पर सहयोग करने की ज़रूरत है जो महज़ पश्चिमी विचारों का अनुसरण करने के बजाय उनकी संबंधित संस्कृतियों को समझता और प्रतिबिंबित करता हो।
गुरुवार को एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, बुवेरो ने बताया कि आज के अधिकांश AI सिस्टम किस तरह सीमित सांस्कृतिक दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हैं।
उन्होंने कहा, "AI चैटबॉट्स संस्कृति के संकेंद्रित पैकेट या अभिव्यक्ति की तरह हैं। आप उन बहुत कम भाषाओं के बारे में सोच सकते हैं जिनमें चैटबॉट्स उपलब्ध हैं। अगर आप शादी की छवि माँगते हैं, तो यह आपको सफ़ेद कपड़े में एक महिला और काले सूट में एक पुरुष दिखाएगा। यह कुछ संस्कृतियों में सच है, लेकिन सभी संस्कृतियों में नहीं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत और फ़्रांस दोनों की समृद्ध और विविध संस्कृतियाँ हैं जिन्हें प्रौद्योगिकी में बेहतर ढंग से दर्शाया जाना चाहिए। बुवेरो ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत और फ़्रांस के बीच, जहाँ हमारी संस्कृतियाँ व्यापक और समृद्ध हैं, हम एक साझा दृष्टिकोण रखते हैं कि हमें मिलकर काम करने की ज़रूरत है ताकि AI को हमारी ज़रूरतों और हमारी संस्कृतियों के क़रीब से विकसित किया जा सके।"
सहयोग और नवाचार का महत्वपूर्ण वर्ष 2026
बुवेरो ने कहा कि साल 2026 भारत और फ़्रांस के बीच संयुक्त नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा, जिसमें दोनों देश अपने स्टार्टअप और AI इकोसिस्टम को जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, "2026 फ्रांसीसी-भारतीय नवाचार का वर्ष होगा। और यह हमारे इकोसिस्टम, हमारे स्टार्टअप को एक साथ काम करने का एक शानदार अवसर है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और फ़्रांस लोगों के लाभ के लिए AI का उपयोग करने के संबंध में एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। बुवेरो ने कहा, "मेरा मानना है कि फ़्रांस के दृष्टिकोण और भारत के दृष्टिकोण के बीच बहुत अच्छा तालमेल है कि AI को हमारे लोगों, हमारे उपयोगकर्ताओं, हमारे नागरिकों के लिए उपयोगी होना चाहिए। इसलिए, मैं कृषि, वाणिज्य, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में किसी भी उपयोग के मामलों में बहुत रुचि रखती हूँ।"
नवाचार और विनियमन के बीच संतुलन
AI विनियमन और नैतिकता पर बात करते हुए, बुवेरो ने कहा कि फ़्रांस और भारत दोनों ही नवाचार को प्रोत्साहित करने और सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित करने के बीच सही संतुलन खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम उपदेश नहीं देते, हम सहयोग करने को बहुत उत्सुक हैं। मेरा मानना है कि हम स्वयं नवाचार और विनियमन के बीच सही संतुलन खोजने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत डेटा और गोपनीयता की सुरक्षा फ़्रांस के AI दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा, "फ़्रांस में, व्यक्तिगत डेटा और गोपनीयता की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमारे इतिहास से जुड़ा हुआ है। और यह कुछ ऐसा है जिसका पालन स्टार्टअप को फ़्रांस या यूरोप में तैनाती करते समय करना होता है। लेकिन साथ ही, AI के क्षेत्र में नवाचार करना और अपने स्वयं के स्टार्टअप और अपनी स्वयं की कंपनियों को नवाचार करवाना भी बहुत महत्वपूर्ण है।"
आगामी शिखर सम्मेलन के लिए मज़बूत सहयोग
बुवेरो ने कहा कि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़्रांस यात्रा के बाद, दोनों पक्ष AI अनुसंधान और स्टार्टअप सहयोग में नज़दीकी से काम करना जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वह आगामी AI इम्पैक्ट समिट 2026 के लिए सहयोग को मज़बूत करने के लिए भारत दौरे पर हैं।उन्होंने कहा, "मैं यहाँ अपने दोनों देशों के बीच इस साझेदारी को समर्थन देने में मदद करने के लिए हूँ। मुझे लगता है कि फ़्रांस के दृष्टिकोण और भारत के दृष्टिकोण के बीच बहुत अच्छा तालमेल है।"
ग़ौरतलब है कि भारत 19-20 फ़रवरी, 2026 को नई दिल्ली में AI इम्पैक्ट समिट 2026 की मेज़बानी करेगा, जो ग्लोबल साउथ में पहला वैश्विक AI सम्मेलन होगा। यह शिखर सम्मेलन एक ज़िम्मेदार, निष्पक्ष और समावेशी वैश्विक AI प्रणाली बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और वैश्विक प्रयासों, जैसे कि यूके AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन, AI सियोल शिखर सम्मेलन और फ़्रांस AI एक्शन शिखर सम्मेलन, पर आधारित होगा।