वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच आमने-सामने बैठक की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इस बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का रास्ता तलाशना है।
ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की और यूरोप के शीर्ष नेताओं के साथ लंबी बातचीत के बाद कहा—
"मैंने राष्ट्रपति पुतिन को कॉल किया और पुतिन तथा ज़ेलेंस्की के बीच आमने-सामने मुलाक़ात की तैयारियाँ शुरू कीं। यह बैठक एक तय स्थान पर होगी। इसके बाद हम तीनों — पुतिन, ज़ेलेंस्की और मैं — मिलकर एक त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे। यह लगभग चार साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक अहम शुरुआती कदम है।"
हालाँकि यह साफ़ नहीं हुआ है कि पुतिन ने इस बैठक पर पूरी सहमति दी है या नहीं।
रूसी समाचार एजेंसी तास ने पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि पुतिन और ट्रंप ने रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधियों के बीच सीधी वार्ता जारी रखने और इसे उच्च स्तर पर ले जाने पर सहमति जताई है।
ज़ेलेंस्की का बयान
बैठक के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा,"अगर रूस मुलाक़ात की इच्छा नहीं दिखाता है, तो हम अमेरिका से उचित कदम उठाने का अनुरोध करेंगे।"
नाटो महासचिव मार्क रुट्टे, जो व्हाइट हाउस की वार्ता में मौजूद थे, ने कहा,"अगर रूस वार्ता में गंभीरता नहीं दिखाता, तो अमेरिका और यूरोप मिलकर मास्को पर और सख्त टैरिफ और प्रतिबंध लगाएंगे।"
पहले ज़ेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन से मुलाक़ात तभी होगी जब रूस युद्धविराम पर सहमत हो, लेकिन सोमवार को उन्होंने लहज़ा बदलते हुए कहा,"अगर हम शर्तें रखेंगे तो रूस भी शर्तें रखेगा। इसलिए बिना किसी पूर्व शर्त के मिलना ज़रूरी है और युद्ध समाप्ति का रास्ता ढूँढना चाहिए।"
युद्धविराम और कब्ज़ाए गए क्षेत्र पर चर्चा
ट्रंप ने संकेत दिया कि युद्धविराम और रूस द्वारा कब्ज़ाए गए यूक्रेनी क्षेत्रों का भविष्य पुतिन और ज़ेलेंस्की की आमने-सामने वार्ता में तय होना चाहिए।
उन्होंने कहा,"हम राष्ट्रपति को राष्ट्रपति से बात करने देंगे और देखेंगे नतीजा क्या निकलता है।"यह रुख़ उनके पिछले हफ्ते दिए बयान से अलग है, जब उन्होंने पुतिन की मांगों का समर्थन करते हुए यूक्रेन से ज़मीन पर समझौता करने की बात कही थी।
अमेरिकी और नाटो की भूमिका
सोमवार को ट्रंप ने यूरोप को यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देने का समर्थन किया, लेकिन अमेरिकी सैनिक भेजने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि "नाटो जैसी" सुरक्षा व्यवस्था बनेगी, जिसके विवरण यूरोपीय नेताओं के साथ तय होंगे।
ज़ेलेंस्की ने ज़ोर दिया कि इसमें अमेरिका की गहरी भागीदारी बेहद ज़रूरी है,"यह अहम है कि अमेरिका साफ़ संकेत दे कि वह भी समन्वय और सुरक्षा गारंटी में शामिल होगा।"
वहीं रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने चेतावनी दी कि नाटो शांति सेना की संभावना "अनपेक्षित और खतरनाक परिणाम" ला सकती है।
ट्रंप-ज़ेलेंस्की रिश्तों में बदलाव
इस बैठक का माहौल फरवरी में हुई पिछली मुलाक़ात से बिल्कुल अलग था। उस समय बातचीत अचानक टूट गई थी और ट्रंप ने कीव की मदद भी रोक दी थी, क्योंकि उन्हें और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस को लगा था कि ज़ेलेंस्की पर्याप्त आभार नहीं जता रहे।
इस बार ज़ेलेंस्की ने औपचारिक सूट पहनकर मुलाक़ात की और अपनी पत्नी ओलेना ज़ेलेंस्का की ओर से मेलानिया ट्रंप के लिए पत्र भी सौंपा।
जर्मनी और फ्रांस के नेताओं ने ट्रंप की पहल का स्वागत किया, लेकिन साथ ही रूस पर युद्धविराम के लिए दबाव डालने की अपील भी की। जर्मन चांसलर फ़्रेडरिक मर्ज़ ने कहा,"मैं चाहता हूँ कि अगली त्रिपक्षीय बैठक में युद्धविराम तय हो।"
ट्रंप ने कहा,"अंतिम शांति समझौता पूरी तरह संभव है, लेकिन हम सभी तत्काल युद्धविराम को प्राथमिकता देंगे ताकि स्थायी समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।"