इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने अमेरिकी अधिकारी का 'नमस्ते' कर किया स्वागत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 19-08-2025
Italian Prime Minister Meloni greeted the American official with a 'Namaste'
Italian Prime Minister Meloni greeted the American official with a 'Namaste'

 

वॉशिंगटन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूरोपीय संघ के नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ बहुपक्षीय बैठक के बीच, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की एंट्री ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने अमेरिका की चीफ़ ऑफ़ प्रोटोकॉल मोनिका क्रॉउली का स्वागत भारतीय परंपरा अनुसार हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ कहकर किया।

'नमस्ते' भारतीय अभिवादन शैली है, जिसमें हाथ जोड़कर सम्मान प्रकट किया जाता है। मेलोनी पहले भी कई मौकों पर इस शिष्टाचार का प्रदर्शन कर चुकी हैं, खासकर इटली में हुई G7 बैठक के दौरान उन्होंने नेताओं का इसी अंदाज़ में स्वागत किया था।

मोदी-मेलोनी की दोस्ती सोशल मीडिया पर ट्रेंड

इस दौरान एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेलोनी से मुलाक़ात कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनसे संक्षिप्त बातचीत की।

सोशल मीडिया पर मोदी और मेलोनी की दोस्ती लंबे समय से चर्चा में रही है। उनके साथ की तस्वीरें और वीडियो अक्सर वायरल होते हैं, और हैशटैग #Melodi ट्रेंड करता है।

COP28 दुबई शिखर सम्मेलन के दौरान मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक सेल्फ़ी साझा की थी और कैप्शन लिखा था— “Good friends at COP28, #Melodi”। वहीं भारत में हुए G20 सम्मेलन के समय सोशल मीडिया यूज़र्स ने दोनों नेताओं के वीडियोज़ को मज़ाकिया ढंग से एडिट कर बॉलीवुड गानों और रोमांटिक कैप्शंस के साथ पोस्ट किया था।

यह हल्के-फुल्के अंदाज़ का ऑनलाइन मज़ाक अपनी जगह, लेकिन दोनों नेताओं की यह दोस्ताना बातचीत भारत और इटली के बीच मजबूत होते कूटनीतिक रिश्तों की भी गवाही देती है। दोनों देशों ने सस्टेनेबिलिटी, ऊर्जा और उद्योग जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है।

अमेरिका में शांति के समर्थन की अपील

वहीं अमेरिका में बहुपक्षीय शिखर बैठक के दौरान मेलोनी ने शांति की दिशा में एकजुटता पर बल दिया।

उन्होंने ट्रंप से कहा,"अगर हमें शांति प्राप्त करनी है और न्याय सुनिश्चित करना है, तो हमें मिलकर यह करना होगा। हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं।"

यह बयान दुनिया के विभिन्न राजनीतिक ध्रुवों से आए नेताओं की एकजुटता का प्रतीक माना गया — उदारवादी सेंट्रिस्ट इमैनुएल मैक्रों से लेकर रूढ़िवादी पॉपुलिस्ट जॉर्जिया मेलोनी तक सभी नेताओं ने एक साझा मंच पर शांति की आवश्यकता को रेखांकित किया।