हांगकांग
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा कर दिया है। 11 अगस्त को दो चीनी युद्धपोत आपस में टकरा गए। यह घटना स्कारबोरो शोअल के पास हुई, जो फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में आता है, लेकिन चीन ने 2012 में इसे अवैध रूप से कब्जा लिया था।
घटना में चीन कोस्ट गार्ड (CCG) का टाइप-056 कोर्वेट '3104' सीधे जाकर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के टाइप-052D डेस्ट्रॉयर ‘गुइलिन (164)’ से टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि CCG जहाज का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। आशंका है कि इसमें कुछ चीनी नाविक हताहत हुए, हालांकि चीन ने इस घटना को छिपाने की कोशिश की।
यह टक्कर तब हुई जब दोनों चीनी जहाज़ फिलीपींस कोस्ट गार्ड (PCG) के छोटे जहाज़ BRP Suluan (4406) का पीछा कर रहे थे। फिलीपींस का यह जहाज़ अपने मछुआरों की मदद के लिए पहुंचा था, जिन्हें चीन लगातार परेशान कर रहा था। चीन की जहाज़ों ने पानी की तोप से हमला कर Suluan को घेरने की कोशिश की।
पूरी घटना का वीडियो फिलीपींस कोस्ट गार्ड ने रिकॉर्ड किया है, जिससे चीन इस टक्कर से इनकार नहीं कर सकता। बावजूद इसके, बीजिंग ने अपने मीडिया में इस खबर को दबा दिया और झूठा नैरेटिव गढ़ते हुए जिम्मेदारी फिलीपींस पर डालने की कोशिश की।
फिलीपींस रक्षा मंत्रालय ने चीन की हरकत को “घृणित और बेहूदा” बताया। इसके बाद अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन को समुद्री सुरक्षा के लिए खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना देश करार दिया।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ रे पॉवेल ने इस घटना को चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता का संकेत बताया। उनका कहना है कि अब चीन केवल कोस्ट गार्ड और मिलिशिया से काम नहीं चला रहा, बल्कि सीधे अपने नेवी के युद्धपोत उतारकर फिलीपींस को डराने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि:
यह चीन की 13 साल पुरानी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह स्कारबोरो शोअल पर पूरी तरह कब्जा करना चाहता है।
चीन ने फिलीपींस के EEZ में अपनी अवैध नाकाबंदी लगाई है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और UNCLOS का उल्लंघन है।
वीडियो से साफ है कि गलती पूरी तरह चीन की थी, जिसने लापरवाह तरीके से तेज गति में पीछा करते हुए अपने ही जहाज़ को टक्कर मार दी।
विशेषज्ञों ने माना कि भारी चुनौतियों के बावजूद फिलीपींस कोस्ट गार्ड बेहद साहस और पेशेवर अंदाज़ में काम कर रहा है। छोटे और कमज़ोर जहाज़ों के बावजूद वे चीन के दबाव से पीछे नहीं हट रहे।
यह घटना दिखाती है कि दक्षिण चीन सागर में हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं। अगली बार ऐसा हादसा फिलीपींस के जहाज़ के साथ भी हो सकता है, जिससे जानमाल का भारी नुकसान होगा। यही वजह है कि अब फिलीपींस और अमेरिका को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।