ब्रिक्स देशों ने वैश्विक व्यापार पर खतरे बनती शुल्क वृद्धि और जबरन प्रतिबंधों पर जताई गंभीर चिंता

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-09-2025
The BRICS countries expressed serious concern about the threat to global trade posed by tariff increases and forced restrictions.
The BRICS countries expressed serious concern about the threat to global trade posed by tariff increases and forced restrictions.

 

न्यूयॉर्क/संयुक्त राष्ट्र

ब्रिक्स देशों ने वैश्विक व्यापार में शुल्क और गैर-शुल्क प्रतिबंधों की अंधाधुंध वृद्धि तथा इन उपायों के दबाव के साधन के रूप में इस्तेमाल को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की व्यापार-प्रतिबंधात्मक नीतियों से वैश्विक व्यापार व्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है और ‘ग्लोबल साउथ’ यानी विकासशील देशों के और अधिक हाशिए पर चले जाने का खतरा है।

ब्रिक्स देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और यूएई – के विदेश मंत्रियों की यह वार्षिक बैठक शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से इतर आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता भारत ने 2026 के लिए ब्रिक्स के भावी अध्यक्ष के रूप में की।

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, “मंत्रियों ने व्यापार पर रोक लगाने वाले उपायों के प्रसार पर चिंता जताई — चाहे वह अत्यधिक शुल्क वृद्धि हो या संरक्षणवादी नीतियां, जो वैश्विक व्यापार में रुकावट, आपूर्ति श्रृंखला में अवरोध, तथा आर्थिक गतिविधियों में अनिश्चितता पैदा करती हैं। इनसे वैश्विक असमानता बढ़ सकती है और आर्थिक विकास की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।”

ब्रिक्स नेताओं ने एकतरफा प्रतिबंधों और WTO नियमों के उल्लंघन को लेकर भी चिंता जताई। बयान में यह भी कहा गया कि “ऐसी नीतियों से न केवल व्यापार बिखरता है, बल्कि ग्लोबल साउथ के देशों को पीछे धकेलने का खतरा है।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि “बढ़ते संरक्षणवाद, शुल्क अस्थिरता और गैर-शुल्क बाधाएं वैश्विक व्यापार प्रवाह में गंभीर अड़चनें उत्पन्न कर रही हैं।” उन्होंने ब्रिक्स देशों से बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की रक्षा करने का आह्वान किया।

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए जयशंकर ने कहा, “एक अशांत विश्व में, ब्रिक्स को शांति, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन की आवाज के रूप में उभरना चाहिए।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए ब्रिक्स देशों की सामूहिक मांग को और मजबूत करने पर जोर दिया।

जयशंकर ने कहा कि भारत की अगली अध्यक्षता के दौरान खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, स्टार्टअप और नवाचार पर विशेष जोर रहेगा।

संयुक्त बयान में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी कड़ी निंदा की गई, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।

ब्रिक्स का यह बयान वैश्विक व्यापार में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की जबरन थोपे जा रहे आर्थिक उपायों के खिलाफ एक सशक्त आवाज के रूप में देखा जा रहा है।