‘अमर सिंह चमकीला’ की कहानी वरदान साबित हुई: अंतरराष्ट्रीय एमी के लिए नामांकन पर इम्तियाज अली

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 27-09-2025
The story of 'Amar Singh Chamkila' was a blessing: Imtiaz Ali on International Emmy nomination
The story of 'Amar Singh Chamkila' was a blessing: Imtiaz Ali on International Emmy nomination

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
प्रसिद्ध फिल्मकार इम्तियाज अली ने कहा है कि उनकी फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ को अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार के लिए दो अलग-अलग श्रेणियों में नामांकित किया जाना उनके लिए एक एक वरदान की तरह है.
 
उन्होंने कहा कि यह फिल्म इस बात की भी याद दिलाती है कि जो कहानियां हमारी स्थानीय संस्कृति से जुड़ी होती हैं, उनकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।
 
दिवंगत पंजाबी संगीतकार अमर सिंह चमकीला के जीवन पर आधारित इस फिल्म को टेलीविजन फिल्म/मिनी-सीरीज श्रेणी में नामांकित किया गया है, जबकि मुख्य कलाकार दिलजीत दोसांझ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में नामांकित किया गया है.
 
अली ने कहा कि उन्हें गर्व है कि 2024 में नेटफ्लिक्स पर पहली बार रिलीज होने वाली इस फिल्म ने भारत को अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों के साथ खड़ा कर दिया है.
 
अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम अभी रात का भोजन करके लौटे ही थे कि हमें यह खबर मिली... चमकीला की कहानी हमारे लिए एक वरदान की तरह है। मुझे बहुत खुशी है कि यह फिल्म पहचान बना रही है और इसे देखा जा रहा है... हमें बहुत गर्व है कि हम भारत को उस मंच पर ला पाए, जहां इतने सारे अंतरराष्ट्रीय दिग्गज खड़े हैं.
 
‘जब वी मेट’, ‘लव आज कल’, ‘हाईवे’ और ‘तमाशा’ जैसी आधुनिक रिश्तों पर आधारित फिल्मों के लिए मशहूर 54 वर्षीय निर्देशक ने कहा कि ‘चमकीला’ को मिली पहचान इस बात की याद दिलाती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए एक ‘बेहद स्थानीय फिल्म’ बनानी होगी.
 
उन्होंने कहा, ‘‘आपको ऐसी भाषा में बात करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय हो, क्योंकि ऐसी कोई भाषा होती ही नहीं। आपको सिनेमा के लिहाज से अपनी मूल भाषा में बात करनी चाहिए। यह एक बड़ी सीख है और यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि यह फिल्म पंजाब में इतनी गहराई से जुड़ी हुई है और पंजाब के लोगों से मिले प्यार की वजह से बनी है.’
 
यह फिल्म, जिसमें परिणीति चोपड़ा भी हैं, 1980 के दशक के अशांत दौर में उग्रवाद से तबाह पंजाब की पृष्ठभूमि पर आधारित है.