आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका ने गाज़ा में बिगड़ते मानवीय हालात पर गहरी चिंता जताते हुए शुक्रवार को नागरिक आबादी पर हो रहे लगातार इज़राइली हमलों की निंदा की. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान न्यूयॉर्क में हुई 13वीं आईबीएसए त्रिपक्षीय मंत्री आयोग बैठक के बाद भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यह जानकारी दी.
तीनों देशों ने कहा कि गाज़ा की मानवीय स्थिति “टूटने की कगार” पर है और उन्होंने वहाँ “बिना बाधा” मानवीय सहायता, नागरिक ढांचे के पुनर्निर्माण और इज़राइली सैनिकों की पूरी तरह वापसी की मांग की.
एमईए के बयान में कहा गया कि गाज़ा में इज़राइली कार्रवाई “अभूतपूर्व पीड़ा” का कारण बन रही है—मौत, तबाही, अकाल और जबरन विस्थापन तक। बयान में युद्ध के हथियार के तौर पर भूख (starvation) के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवीय एवं मानवाधिकार कानूनों के पालन की अपील की गई.
भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका ने एक बार फिर दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) के प्रति अपना समर्थन जताया। तीनों ने कहा कि शांति तभी संभव है जब 1967 की सीमाओं के भीतर, पूर्वी येरुशलम को राजधानी बनाकर, इज़राइल के साथ एक स्वतंत्र और व्यावहारिक फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना हो.