न्यूयॉर्क (अमेरिका)
आतंकवाद के बदलते स्वरूप और उभरती तकनीकों के दुरुपयोग को लेकर भारत और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक अहम बैठक आयोजित की गई. संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) की सहायक महासचिव नतालिया गेरमन ने भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.
तकनीकी दुरुपयोग पर बनी चिंता की साझा जमीन
बैठक में दोनों पक्षों ने आतंकवाद के लिए उभरती तकनीकों—जैसे ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और नई वित्तीय तकनीकों—के इस्तेमाल को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई. यह चर्चा 2022 में भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधक समिति द्वारा पारित "दिल्ली घोषणापत्र" की भावना के अनुरूप हुई.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि CTED के सहयोग से ऐसे गैर-बाध्यकारी दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं जो मानव रहित विमान प्रणालियों (ड्रोन) और उभरती वित्तीय तकनीकों के जरिए आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद करेंगे.
पहलगाम हमले पर संवेदना और भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
वोरोनकोव और गेरमन ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा शोक प्रकट किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हुए थे.
इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" लॉन्च किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) में सक्रिय आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा गया.
भारतीय कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया.. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी की और ड्रोन हमले की भी कोशिश की, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के रडार और संचार बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया.
भारत-यूएन सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
बैठक में भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों में चल रहे सहयोग पर भी चर्चा हुई:
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साइबर सुरक्षा में तकनीकी क्षमता निर्माण
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आतंकी यात्रा की रोकथाम
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आतंकवाद पीड़ितों के लिए सहायता कार्यक्रम
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आतंकी फंडिंग का मुकाबला
संबंधों में मजबूती और रणनीतिक तालमेल
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने भारत के साथ रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और वैश्विक आतंकवाद निरोधक रणनीति को धरातल पर प्रभावी रूप से लागू किया जा सके.
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच एक अस्थायी युद्धविराम समझौता भी हुआ, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पार से आतंक और तकनीकी चुनौतियों के चलते क्षेत्र में अस्थिरता की आशंका बनी हुई है.