क्वाड के विदेश मंत्रियों ने की लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, आईएस, अल कायदा पर कार्रवाई की मांग

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-08-2024
Quad foreign ministers demand action against Lashkar-e-Taiba, Jaish-e-Mohammed, IS, al Qaeda
Quad foreign ministers demand action against Lashkar-e-Taiba, Jaish-e-Mohammed, IS, al Qaeda

 

न्यूयॉर्क. आतंकवादियों द्वारा नई तकनीक के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी देते हुए क्वाड के विदेश मंत्रियों ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के साथ-साथ अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट संगठन के खिलाफ ठोस अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई के लिए अपने आह्वान को मजबूत किया है.

टोक्यो में अपनी बैठक के बाद, क्वाड मंत्रियों नेएक संयुक्त बयान में कहा कि वे ‘आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से उत्पन्न खतरों’ को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और उनके प्रॉक्सी समूहों सहित सभी संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान दोहराते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं द्वारा मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी), ड्रोन, सुरंगों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के उपयोग की निंदा करते हैं.’’ 26/11 मुंबई और 2016 पठानकोट आतंकवादी हमलों को याद करते हुए, उन्होंने ‘इन हमलों के अपराधियों को बिना देरी के न्याय के कटघरे में लाने’ का आह्वान किया.

मंत्रियों ने कहा कि पिछले साल नई दिल्ली में मंत्रिस्तरीय बैठक में आतंकवाद-रोधी क्वाड वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक में और दिसंबर में होनोलुलु में चौथे टेबलटॉप अभ्यास में ‘सार्थक चर्चा’ हुई थी, और उन्होंने कहा कि वे नवंबर में जापान द्वारा आयोजित अगले अभ्यास की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

टेबलटॉप अभ्यास इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक जबरदस्त आतंकवादी घटना के जवाब विकसित करने के लिए परिदृश्यों पर विचार करते हैं. 4,000 शब्दों के संयुक्त बयान में यूक्रेन और फिलिस्तीन में संघर्षों और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी और पर्यावरण पर सहयोग के लिए चीन के क्षेत्रीय खतरों से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई.

 

यूक्रेन के बारे में, जहां भारत और अन्य तीन क्वाड भागीदारों के बीच बारीकियों में मतभेद हैं, जो कीव की सहायता करने के लिए तैयार हैं, बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया है, ‘‘हम अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान शामिल है.’’

भारत ने इस बार इस मंच पर यूक्रेन में अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर को बनाए रखने की अपनी संयुक्त प्रतिबद्धता दोहराई है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा के कुछ दिनों बाद आया है, जिसकी पश्चिमी देशों और यूक्रेन ने आलोचना की थी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर अपने स्वतंत्र रुख को रेखांकित किया था. संयुक्त वक्तव्य में रूस का नाम नहीं लिया गया.

मंत्रियों के वक्तव्य में चीन द्वारा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरों का स्पष्ट उल्लेख किया गया, लेकिन फिर से, उसका नाम लिए बिना. उन्होंने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी मौलिक ‘दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई, जो समावेशी और लचीला है, और स्वतंत्र और खुले नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं.’

 

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